Jamui News : जमुई. सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक और कर्मियों की मनमानी रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. सदर अस्पताल से अक्सर चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों के ड्यूटी से गायब रहने का मामला सामने आता रहता है. लेकिन सदर अस्पताल में पदस्थापित फिजियोथेरेपिस्ट, चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों से एक कदम आगे निकलते अपनी उपस्थिति पंजी में ही छेड़छाड़ कर रहे हैं. और तो और वरीय पदाधिकारी द्वारा उपस्थिति पंजी में अनुपस्थित करने के बाद उसे दूसरे पेन से सीएल बना दिया जाता है. बताया जाता है कि फिजियोथेरेपी सेंटर में फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर पदस्थापित राजीव कुमार भानु शायद ही सदर अस्पताल आते है और जब भी आते हैं तो अपनी सभी उपस्थिति बनाकर चलते बनते हैं. जबकि राजीव कुमार भानु दी प्रतिदिन अस्पताल में ड्यूटी लगी है. उनका कार्य यह है कि सदर अस्पताल में आने वाले वृद्ध जो नस रोग एवं हड्डी रोग से पीड़ित हैं उनकी फिजियोथेरेपी करना. लेकिन राजीव कुमार भानु के अक्सर अस्पताल से गायब रहने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन इन सब से विभाग अनजान बना हुआ है और कर्मी इसका फायदा उठा रहे हैं.
सप्ताह का एक बार बनाते हैं हाजिरी
सूत्रों पर भरोसा करें तो फिजियोथेरेपिस्ट राजीव कुमार भानु सप्ताह में एक ही बार आते हैं और पूरे सप्ताह की हाजिरी बनाते है. कार्यालय की पंजी इसका प्रमाण है. कार्यालय में मौजूद उपस्थिति पंजी से पता चलता है कि राजीव कुमार भानु का 19 अगस्त से 24 अगस्त तक हाजिरी का स्थान खाली है. लेकिन फिर बाद में उक्त स्थान पर राजीव की हाजिरी बनी रहती है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर किसके सहयोग से राजीव कुमार भानु की एक सप्ताह की हाजिर खाली रहने के बाद फिर से बन जाती है. बताया जाता है कि इस खेल में ऑफिस के कुछ लोग भी शामिल हैं.
वरीय अधिकारी के आदेश की होती है अवहेलना
जमुई सदर अस्पताल के कर्मी और ऑफिस के कर्मचारी वरीय अधिकारियों के आदेश का जमकर धज्जियां उड़ातेहैं. इसका जीता-जागता उदाहरण जमुई के सदर अस्पताल के डीएस ऑफिस में देखने को मिलता है. बताते चलें कि 9 अगस्त 2024 को आरएडी डॉ वीरेंद्र कुमार द्वारा सदर अस्पताल का निरीक्षण किया गया था. निरीक्षण के उपरांत उन्होंने सदर अस्पताल में कार्यरत सभी लोगों की उपस्थिति पंजी की भी जांच की. जांच के दौरान पाया गया कि सदर अस्पताल में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट राजीव कुमार भानु 7 अगस्त से 9 अगस्त तक गायब हैं. जिसपर आरएडी डॉ वीरेंद्र कुमार ने अपने हरे रंग की कलम से राजीव कुमार भानु को अनुपस्थित कर दिया और हाजिरी रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर भी किये. लेकिन उक्त हाजिरी रजिस्टर पर छेड़छाड़ करते हुए काले पेन से उक्त स्थान पर सीएल कर दिया गया है, जो जांच का विषय है.