झाझा. नागी पक्षी आश्रयणी में बीते 27 नवंबर से चल रहे बर्ड रिंगिंग प्रोग्राम में अब तक छह माइग्रेटरी बर्ड को रिंग पहनाया जा चुका है. यह सभी कार्यक्रम गिनती के अनुसार होते हैं. फॉरेस्टर अनीश कुमार सिंह ने बताया कि मुंबई नेचुरल इतिहास संस्था के भागलपुर रीजन के पक्षी विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम कुमारी वर्तिका के नेतृत्व में बर्ड रिंगिंग प्रोग्राम कर रहे हैं. यह कार्यक्रम नागी पक्षी आश्रयणी व नकटी पक्षी आश्रयणी में किया जा रहा है. अब तक छह विदेशी पक्षियों का चयन कर उन्हें रिंग पहनाया गया है. फॉरेस्टर ने बताया कि रिंग के पहनाये जाने से पक्षियों की गिनती होती है और कितने साल के बाद यह लौटकर आते हैं, यह देखा जाता है. इससे न सिर्फ पक्षी पर विशेष प्रोग्राम होती है, बल्कि इस पर अध्ययन भी होता है. इससे यह भी पता चलता है कि पक्षी कितने दिनों के बाद पूरे जगह भ्रमण कर एक जगह पर लौटते हैं. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम लगातार नागी पक्षी अभयारण्य में होते रहता है. पूरे देश के विभिन्न पक्षी विशेषज्ञ आकर यह काम करते हैं. मौके पर कई स्थानीय पक्षी विशेषज्ञ मौजूद थे.
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