जमुई. किसी गर्भवती या किसी प्रसूता महिला की मौत हुई है, तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें. मृत्यु की सबसे पहले सूचना देने वाले को स्वास्थ्य विभाग प्रोत्साहन राशि के रूप में एक हजार रुपये देगा. गर्भवती प्रसूता महिला की मौत की खबर अविलंब स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचे इसी उद्देश्य से विभाग की ओर मातृत्व मृत्यु सूचना योजना की यह राशि मुहैया कराया जा रहा है ताकी संबंधित आम लोग जागरूक हो सके. इस योजना का लाभ राज्य के किसी भी जिले के किसी भी प्रखंड, पंचायत, गांव व वार्ड के लोग प्राप्त कर सकते हैं. इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा गाइडलाइन जारी किया गया है. जानकारी देते हुए डीपीएम पवन कुमार ने बताया कि स्वस्थ समाज बनाने में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गयी है. यह प्रोत्साहन राशि संबंधित प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित लोगों को दी जायेगी. डीपीएम श्री कुमार ने बताया कि गर्भवती प्रसूता की मृत्यु की सूचना व अधिक जानकारी के लिए आम लोग स्वास्थ्य विभाग का टॉल फ्री नंबर 104 पर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस टॉल फ्री नंबर पर लोग किसी भी समय यानि 24 घंटे कॉल कर जानकारी दे सकते हैं. सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौत के कारण का पता लगाने का कार्य करेंगी ताकी अन्य गर्भवती प्रसूता महिला की मौत की रोका जा सके. उन्होंने बताया कि इस योजना से मातृ-मृत्यु दर में कमी आयेगी. डीपीएम श्री कुमार द्वारा बताया गया कि गर्भवती महिलाओं द्वारा बच्चे को जन्म देने से 42 दिन तक को प्रसूता माना जाता है. नवजात के जन्म के बाद यदि किसी प्रसूता की मौत हो जाती है तो उसे नवप्रसूता की मौत मानी जायेगी और यदि बच्चे के जन्म देने के 42 दिन के अंदर में प्रसूता की मौत की सूचना दी जा जाती है तो संबंधित व्यक्ति को एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि मिल सकता है.
मातृ मृत्यु दर को कम करना विभाग का उद्देश्य
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि गर्भवती और प्रसूता की मृत्यु की सूचना देने पर एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इसका मुख्य उद्देश्य है मौत के कारणों को पता लगाकर मातृ मृत्यु दर को कम करने की दिशा में मजबूती से काम करना. समाज के लोगों को भी मातृ-मृत्यु दर कम करने के सामाजिक दायित्व के निर्वहन करने के लिए आगे आना चाहिए. ऐसी सूचनाएं केवल आशा द्वारा ही विभाग को मिल रही है जबकि, ऐसी सूचना देकर सामाजिक दायित्व के निर्वहन के साथ प्रोत्साहन राशि के भी भागीदार आम लोग भी बन सकते हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि बच्चे को जन्म देने से 42 दिन तक को महिला को प्रसूता माना जाता है. यदि बच्चे को जन्म देने के 42 दिन के अंदर प्रसूता की मौत की सूचना दी जा जाती है तो संबंधित व्यक्ति को एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि मिल सकती है. इस योजना से मातृ-मृत्यु दर में कमी आयेगी.
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