खैरा (जमुई). जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने सोमवार को जमुई में कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार से पहले जनजातियों की स्थिति बहुत ही खराब थी. उन्होंने बताया कि मैं एक बार रांची गया था, जहां बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा लगी हुई थी. उस प्रतिमा में बिरसा मुंडा को हथकड़ी लगी हुई थी. मैंने अपने सामने उस हथकड़ी को कटवाया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश स्वाधीन हो गया, लेकिन बिरसा मुंडा को स्वाधीन देश में हथकड़ी लगाकर रखा जाता था. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब मैंने बिरसा मुंडा जी के हाथों में हथकड़ी लगी देखी तब मैंने कहा कि आजाद भारत में भगवान बिरसा मुंडा के हाथों में हथकड़ी क्यों लगी रहेगी. यह देश आजाद हो गया है और स्वाधीन भारत में बिरसा मुंडा को सीना तानकर खड़ा रहना चाहिए. इसलिए मैंने वह हथकड़ी कटवा दी. उन्होंने कहा कि इस देश में जनजातीय लोगों को लेकर यह मानसिकता है और यही इस देश की स्थिति है. ऐसे छोटे-छोटे काम से जनजातीय लोगों में प्रभाव पड़ता है. जनजातीय समुदाय की इस हालत को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सब जानते हैं कि इसके लिए कौन दोषी हैं. भाजपा की सरकार से पहले देश में जनजातियों की स्थिति ऐसी थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जनजातीय समुदाय के लिए बहुत काम किया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार में देश में जनजातीय समुदाय के लोगों के लिए बहुत काम किया गया है. भारतीय जनता पार्टी ने योजनाएं बनाकर उनके लिए काम किया है. 1999 में पहली बार जनजातीय कार्य मंत्रालय बनाया गया. दरअसल, 15 नवंबर को गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले केंद्रीय मंत्री का जायजा लेने के लिए बल्लोपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं जिसमें दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पूछे गये प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करता है कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा.
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