Jamui news : नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य अब देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हो चुका है. रामसर साइट में जगह मिलने से न सिर्फ इसके विकसित होने की संभावना बढ़ गयी है, बल्कि आसपास के लोगों को एक नयी उषा की किरण दिख रही है. सदी के नायक अमिताभ बच्चन ने जब केबीसी में जमुई जिले के नागी-नकटी के बारे में प्रश्न पूछा, तो झाझा व जिलेवासी गदगद हो गये. इसको संरक्षित करनेवाले लोग भी इससे बेहद खुश हैं.
प्रथम पक्षी महोत्सव को आयोजन नागी में किया गया
नागी-नकटी पक्षी आश्रयणी आज की तारीख में न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है, बल्कि इसमें रहनेवाले जीव-जंतुओं से लेकर मृदा तक की अपनी पहचान बन चुकी है. यही कारण है कि पूरे प्रदेश में प्रथम पक्षी महोत्सव का आयोजन नागी में किया गया. यहां पूरे देश स्तर के पक्षी विशेषज्ञ व अन्य वैज्ञानिक आकर न सिर्फ यहां रहनेवाले पक्षियों का अध्ययन किये, बल्कि यहां पाये जानेवाले मृदा, जल व अन्य जीव-जंतुओं का भी अध्ययन किये. नागी लगातार अपनी पहचान बनाने में कामयाब होता दिख रहा है. बीते पांच वर्षों में नागी में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है. यहां न सिर्फ पक्षियों की गिनती की जा रही है, बल्कि यहां रहनेवाले पक्षियों की देखरेख के लिए सरकार कई तरह के कार्यक्रम का आयोजित कर रही है.
क्या है रामसर साइट
आर्द्र भूमि सबसे विविध और उत्पादक परिस्थितिकी तंत्र में से एक है. यह आवश्यक सेवा प्रदान करती है और ताजे पानी की आपूर्ति करती है. हालांकि यह लगातार खराब हो रही है और अन्य उपयोग में परिवर्तित होती जा रही है. ऐसे में इन्हें बचाने के उद्देश्य से वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किया गया. 01 फरवरी, 1982 को भारत में इस पर हस्ताक्षर किया गया. वर्ष 1982 से 20-24 तक भारत की 83 भूमि रामसर स्थल में शामिल हो गयी हैं, जो देश के 1.332.79 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती हैं. भारत में अब तक 83 आर्द्र भूमि को खोजा गया है. इसमें 82 नंबर पर नागी और 83 नंबर पर नकटी है. बिहार में मात्र तीन रामसर साइट हैं. इनमें पहले नंबर पर कांवरझील, दूसरे स्थान पर नागी और तीसरे स्थान पर नकटी है. यही कारण है कि लगातार नागी पक्षी आश्रयणी का महत्व बढ़ता जा रहा है. बिहार में जुलाई 2020 में कांवरझील पहला वेटलैंड घोषित किया गया. उसके बाद वर्ष 2024 में नागी और नकटी को रामसर में शामिल किया गया है. फिलहाल रामसर साइट सबसे अधिक 16 तमिलनाडु में हैं. उसके बाद उत्तर प्रदेश में 10 साइट हैं. बिहार में अभी मात्र तीन रामसर साइट हैं.
केबीसी में नागी पर अमिताभ बच्चन ने पूछा प्रश्न
नागी पक्षी आश्रयणी के बारे में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा केबीसी में पूछे गए प्रश्न से झाझा वासी आह्लादित हैं. झाझा वासियों ने वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अलावा स्थानीय वन विभाग के अधिकारियों का आभार प्रकट करते हुए इसे लगातार विकसित करने की अपेक्षा की है, ताकि इसका और अधिक महत्व बढ़ सके. कई लोगों ने कहा कि नागी पक्षी आश्रयणी आज की तारीख में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष पक्षी महोत्सव का आयोजन नागी में हो रहा है. यहां पूरे देश स्तर के पक्षी विशेषज्ञ, मृदा विशेषज्ञ एवं अन्य वैज्ञानिक आकर जमा होते हैं और यहां अपना अध्ययन करते हैं.
प्रदेश स्तर पर इसकी महत्ता बढ़ी : डीएफओ
डीएफओ तेजस जायसवाल ने बताया कि नागी व नकटी पक्षी आश्रयणी को रामसर साइट में शामिल कर लिया गया है. इससे न सिर्फ दोनों जलाशयों का सर्वांगीण विकास होगा, बल्कि पूरे प्रदेश स्तर पर इसकी महत्ता बढ़ गयी है. अब यहां रहनेवाले जीव-जंतुओं के अलावा अन्य प्राणियों की समुचित देखभाल होगी और नागी पक्षी आश्रयणी का विकास होगा.