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G-20 समारोह के दौरान नालंदा विश्वविद्यालय छाया तो बिहार में गरमायी सियासत, जदयू ने आरोपों की लगायी बौछार…

हाल में जी-20 बैठक के दौरान आयोजित रात्रिभोज में मेहमानों के बीच नालंदा विश्वविद्यालय छाया रहा. पीएम नरेंद्र मोदी ने मेहमानों को नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास से रूबरू कराया. वहीं अब इसे लेकर बिहार में सियासत गरमायी हुई है. जानिए जदयू ने क्या आरोप लगाए..

Nalanda University Controversy: भारत ने पिछले दिनों जी-20 सम्मेलन की मेजबानी करके पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित किया. इस समारोह में सम्मलित होने कई देशों के प्रधान भारत पहुंचे. शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से भारत मंडपम में रात्रिभोज का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम स्थल पर बिहार के प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की विशाल तस्वीर लगी हुई थी और पीएम नरेंद्र मोदी विदेशी मेहमानों को बारी-बारी से नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास बता रहे थे. वहीं अब नालंदा विश्विद्यालय को लेकर बिहार में सियासी घमासान मच गया है और जदयू ने पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है.

जी-20 समारोह के मेहमानों के बीच छाया रहा नालंदा विश्वविद्यालय

भारत मंडपम में रात्रिभोज के लिए जिस स्थान पर खड़े होकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म और पीएम नरेंद्र मोदी जी-20 समारोह में शिरकत करने आए विदेशी राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत कर रहे थे उसकी पृष्ठभूमि में प्राचीन नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय ) की तस्वीर लगी हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक समेत कुछ नेताओं को पीएम ने विश्विद्यालय का महत्व बताया. इसकी तस्वीरें व वीडियो भी सामने आयीं थीं. विश्विद्यालय का इतिहास जानकर विदेशी मेहमान भी हैरान रह गए थे. वहीं अब बिहार में इसे लेकर सियासी गर्मी बढ़ गयी है.

जदयू नेताओं ने केंद्र सरकार पर बोला हमला..

जदयू नेताओं ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि नालंदा विश्वविद्यालय विश्व हेरिटेज है. जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने इसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मजाक का विषय बना दिया. जब प्रधानमंत्री ने नालंदा विश्वविद्यालय का खंडहर विश्व के नेताओं को दिखाया तो उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से बनाए गये नये नालंदा विश्वविद्यालय के नये कैंपस को भी दिखाना चाहिए और विश्व नेताओं को बताना चाहिए था. संवाददाता सम्मेलन को मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार, राष्ट्रीय सचिव सह विधान पार्षद रवींद्र प्रसाद सिंह, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ ‘गांधीजी’ और मुख्यालय प्रभारी चंदन कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से संबोधित किया. इसका आयोजन जदयू प्रदेश मुख्यालय में किया गया था. इस दौरान जदयू नेताओं ने भाजपा से पूछा कि ऐतिहासिक धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय को राजनीति में घसीटने की कोशिश क्यों की गई? क्या कारण है कि 13 सालों से नालंदा विश्वविद्यालय का चल रहा निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया?


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ललन सिंह ने भी साधा निशाना, जदयू का आरोप जानिए..

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने नालंदा विश्विद्यालय को पुनर्जीवित किया और आप उसे पूरे दुनिया को दिखा रहे हैं. यही तो नीतीश कुमार की उपलब्धि है. वहीं जदयू ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मजाक का विषय बनाने का आरोप लगाया.पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री को विश्व नेताओं को यह भी बताना चाहिए था कि हमने एक बार फिर से नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कर ली है.बिहार को नीचा दिखाने और अपमानित करने की मंशा का आरोप भाजपा पर लगाया. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय के कैंपस की तस्वीर विश्व के नेताओं को इसलिए नहीं दिखाई क्योंकि उन्हें नीतीश कुमार की शख्सियत से डर लगता है.कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक विरासत बिहार के पास है, लेकिन चीन उसे हथियाने की कोशिश कर रहा है और भारत सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है.


बिहार में भाजपा नेताओं का बयान..

बता दें कि बिहार में भाजपा के नेताओं ने भी इसे लेकर सियासी तीर दागे. भाजपा की ओर से किए गए ट्वीट में रात्रिभोज की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि वैश्विक मंडल पर मोदी सरकार ने बिहार की मेधा, प्रज्ञा और ज्ञान परंपरा का परचम लहरा दिया है. भाजपा सांसद सुशील मोदी ने ट्वीट के जरिए लिखा कि भारत मंडपम् में नालंदा विश्वविद्यालय, मधुबनी पेंटिंग से बिहार की ब्रांडिंग हुई.


पीएम मोदी ने मेहमानों को क्या बताया..

गौरतलब है कि भारत मंडपम में आयोजित रात्रिभोज में जब पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को जब नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास बताया तो बाइडेन इतने प्रभावित हुए थे कि बेहद नजदीक जाकर तस्वीर दिखने लगे. बता दें कि बिहार में स्थित यह विश्वविद्यालय पांचवीं सदी से 12वीं सदी के बीच अस्तित्व में था.पीएम मोदी जी-20 के प्रतिनिधियों को नालंदा विश्वविद्यालय के प्रारूप के बारे में जानकारी दे रहे थे. प्रधानमंत्री ने मेहमानों को इस दौरान बताया था कि उस दौर में जब विश्व में कोई विश्वविद्यालय नहीं था,तब बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय था. जहां आकर देश-विदेश के 10 हजार छात्र शिक्षा ग्रहण करते थे. एक हजार शिक्षक उन्हें पढ़ाने के लिए रहते थे और हॉस्टल में रहकर यहां छात्र पढ़ाई करते थे. पीएम ने मेहमानों को खिलजी के बारे में भी बताया कि कैसे आक्रांता ने इस विश्विद्यालय को आग के हवाले कर दिया था.

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