पटना. जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास हुआ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं. जदयू एनडीए के साथ है. हमारे पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ही हैं. हालांकि, सीएम नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सभी योग्यताएं, अनुभव और समर्पण मौजूद हैं.
यह प्रस्ताव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने रखा था. केसी त्यागी रविवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
त्यागी ने बताया कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आठ प्रस्ताव पेश किये गये. पहले प्रस्ताव में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित किये जाने पर राष्ट्रीय परिषद ने मुहर लगा दी.
वहीं, दूसरे प्रस्ताव में पार्टी संविधान में संशोधन की धारा 28 में आवश्यक संशोधन किया गया. इसके अनुसार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष होंगे अथवा किसी को अध्यक्ष मनोनीत करने के साथ सदस्यों का भी मनोनयन करेंगे.
तीसरे प्रस्ताव में राष्ट्रीय परिषद ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने को अफसोसजनक बताया. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश सहित मणिपुर में पार्टी चुनाव लड़ेगी.
इसमें उत्तर प्रदेश में एनडीए के साथ समुचित हिस्सेदारी के आधार पर चुनाव लड़ने की पहल करेगी. यदि यह संभव नहीं हुआ तो पार्टी अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी और इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य सभी नेता शामिल होंगे.
चौथे प्रस्ताव में जातीय जनगणना का प्रस्ताव पेश किया गया. इसमें कहा गया कि 1990 में तात्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने इसकी जानकारी नीतीश कुमार को दी थी. इसमें उच्च जातियों की भी जनगणना होगी. इसमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को लाभ होगा. प्रस्ताव में किसी भी तरह की अफवाह को नकार दिया गया कि केवल पिछड़ी जातियों को ही लाभ होगा.
पांचवें प्रस्ताव में राष्ट्रीय परिषद ने मांग की है कि जस्टिस रोहिणी आयोग की सिफारिशों को केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक किया जाये, ताकि इससे बिहार के तर्ज पर अत्यंत पिछड़े वर्गों को सामाजिक शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तीकरण के प्रयासों को अधिक बल मिल सके.
छठे प्रस्ताव में जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षित कन्या-सुखी परिवार के बिहार मॉडल को जनसंख्या कम करने का लक्ष्य बनाने का प्रस्ताव रखा गया. जदयू किसी कठोर नियंत्रण या किसी नकारात्मक नतीजों वाले प्रयास के बजाय जागरूकता अभियान और बालिका शिक्षा के विस्तार के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि को कम करने का समर्थन करता है.
जदयू के सातवें प्रस्ताव में मेडिकल परीक्षाओं में की गयी आरक्षण व्यवस्था का स्वागत किया गया. पार्टी का मानना है कि इसमें पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए 10% सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है.
इससे वंचित समूह को सामाजिक न्याय एवं विशेष अवसर मिलेंगे. इस प्रोत्साहन से चिकित्सा सेवा क्षेत्र में समानता उपलब्ध कराने के प्रयास में सफलता मिलेगी. आठवें प्रस्ताव में शोक प्रकाश था, जिसमें नेताओं के निधन शोक व्यक्त किया गया.
केसी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर एनडीए में को-ऑर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए, जैसा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय थी.
Posted by Ashish Jha