अरवल
. आधुनिक परिवेश में जहां लोग चांद पर जाने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सड़क के अभाव में आज भी पुराने जमाने की तरह मरीज को खाट पर ले जाने को विवश हैं भूसड़ा गांव के ग्रामीण. यह बात कहने और सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा है लेकिन यह हकीकत बयां कर रही है सदर प्रखंड अंतर्गत वासिलपुर भूसड़ा पंचायत, जहां आज भी लोग अपने परिजनों को बीमार होने की स्थिति में एंबुलेंस या चार चक्का वाहन से ले जाने में असमर्थता जाहिर करते हैं जिसका मुख्य कारण है गांव में चार चक्का वाहन का न पहुंचना. इसी तरह का मंजर रविवार को देखा गया जब गांव के ही दलित परिवार लवकुश राम की 10 वर्षीय बच्ची की अचानक तबीयत खराब हो गई जिसको इलाज के लिए परिजनों द्वारा खाट पर लिटा कर अस्पताल पहुंचाया गया. इस संदर्भ में पीड़ित परिवार का कहना है कि गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक ही चार चक्का वाहनों का आवागमन होता है. हमलोगों को अपने परिजनों को चिकित्सा करने के लिए के लिए खाट पर ही ले जाने को विवश हैं. परिजनों द्वारा यह भी कहा गया कि किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक स्तर पर आज तक गांव में पहुंच पथ का निर्माण नहीं कराया गया है जिससे लोगों काफी परेशानी होती है. खासकर बरसात के मौसम में परेशानी दुगुनी हो जाती है. अब ऐसे में विकास की इस युग में गांव तक वाहनों का न पहुंचना कहां तक इंसाफी है. जबकि ग्रामीणों द्वारा यह भी बताया गया कि गांव में सड़क निर्माण करने को लेकर जमीन का कोई अभाव नहीं है. लगभग 52 डिसमिल जमीन सरकारी है, फिर भी किसी के द्वारा पहल नहीं किए जाने के कारण गांव में आज तक चार चक्का वाहनों का प्रवेश नहीं हो पाया है. जबकि उक्त गांव का मुख्यालय से दूरी महज तीन किलोमीटर की है फिर भी आज तक गांव विकास से महरूम है. ग्रामीणों द्वारा जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव से गांव में पहुंच पथ निर्माण करने की मांग की गयी है.
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