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नियमों का उल्लंघन कर अस्पताल चलाने वाले के खिलाफ प्राथमिकी

जिले में भोले-भाले लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले एवं मरीज से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले निजी नर्सिंग होम के खिलाफ प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गयी है.

जहानाबाद.

जिले में भोले-भाले लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले एवं मरीज से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले निजी नर्सिंग होम के खिलाफ प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गयी है. डीएम के निर्देश पर गठित जांच टीम अवैध नर्सिंग होम एवं जांच घर के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी है. कड़ौना थाना क्षेत्र के कनौदी में बीते दिन निजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान नाबालिक की मौत के बाद हंगामा की सूचना पर पहुंची जांच टीम ने क्लीनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का उल्लंघन कर निजी अस्पताल चलाने वाले कनौदी स्थित संकल्प हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. जांच टीम को निरीक्षण के दौरान अस्पताल में मिले खामियां एवं अनियमितता के आधार पर अस्पताल को सील कर दिया गया है. जांच टीम ने पुलिस को बताया है कि बीते दिन संकल्प हॉस्पिटल कनौदी का निरीक्षण किया गया था. डीएम के द्वारा गठित टीम के सभी सदस्य उपस्थित थे. निरीक्षण के क्रम में अस्पताल के संचालक सौरव कुमार दांगी जो मखदुमपुर के धराउत के रहने वाले हैं. हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन डॉ संजय कुमार के नाम से पाया गया एवं सर्जरी के लिए डॉ राजीव रंजन का सहमति पत्र वहां पर उपलब्ध है. कागजातों में पाया गया कि अस्पताल में मौजूद मिथिलेश कुमार जो मखदुमपुर थाना क्षेत्र के कुर्थाडीह के रहने वाले हैं, उन्होंने अपने को अस्पताल का स्टाफ बताया. अनुपस्थित दो कर्मी राहुल कुमार एवं पूनम कुमारी का नाम सामने आया है. जांच टीम ने पाया कि अस्पताल नीचे ग्राउंड फ्लोर पर छोटे से तीन कमरों में संचालित हो रहा है जिसमें नौ बेड लगे हुए पाये गये एवं ऑपरेशन थिएटर ऊपरी तल्ले पर पाया गया, जहां तीन मरीज भर्ती थे. भर्ती मरीज में परसबिगहा थाना क्षेत्र के गोंडा एवं घोसी प्रखंड के चौपहा, जबकि तीसरा मरीज जहानाबाद की रहने वाली थी. जांच टीम ने पाया कि ऑपरेशन थिएटर काफी छोटा था जिसमें बल्ब से सर्जरी का काम किया जाता था, जो क्लिनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का उल्लंघन है. अस्पताल में आईसीयू का बोर्ड लगा था लेकिन आवश्यक उपकरण नहीं पाया गया. अस्पताल में भर्ती एक रोगी ने जांच टीम को बताया कि बच्चेदानी का ऑपरेशन एक दिन पूर्व किया गया था लेकिन वहां पर उपस्थित स्टाफ मिथिलेश कुमार से जब जांच टीम ने पूछा तो उसने यह जानकारी नहीं दी कि किस डॉक्टर ने सर्जरी किया है. जांच टीम के समक्ष डॉ संजय कुमार के मोबाइल से उपस्थित कर्मी ने पूछा तो बताया गया कि 5 दिनों से वह जहानाबाद नहीं गए हैं और गया में रहते हैं. डॉ राजीव रंजन ने भी बताया कि वह सर्जरी के लिए नहीं जाते हैं. अस्पताल में कौन सर्जरी करता है, इसका स्पष्ट पता नहीं चल पाया और न किसी ने जांच टीम को इसकी जानकारी दी. जांच टीम ने पाया कि अस्पताल में ऑपरेशन कर भोली-भाली जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. कुछ दवा उपलब्ध पाए गए जिसके संबंध में क्रय-विक्रय बिल मांगा गया तो प्रस्तुत नहीं किया गया. जांच टीम ने अनियमितता मिलने के बाद अस्पताल को सील कर दिया है.

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