जहानाबाद नगर. किशोर न्याय परिषद के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह प्रधान दंडाधिकारी निवेदिता कुमारी के द्वारा एक मामले में जख्म प्रतिवेदन जमा न करने पर कलेर थानाध्यक्ष को कारण बताओं नोटिस जारी किया है. बताते चलें कि उक्त मामले में डॉ जनेला इक़वाल अपना गवाह प्रस्तुत करने के लिए परिषद के समक्ष उपस्थित हुए थे, परंतु अभिलेख में जख्म प्रतिवेदन न रहने के कारण डॉक्टर जनेला इक़वाल की गवाही नहीं हो सकी थी. कलेर थाना से संबंधित एक मामले में कलेर थाना प्रभारी और जांच अधिकारी दोनों ने चार्जशीट दाखिल करने के समय जख्म प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया था. जबकि किशोर न्याय परिषद ने उन्हें जख्म प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था और इसके लिए जहानाबाद परिषद के कार्यालय लिपिक द्वारा कलेर थाना अध्यक्ष को पत्र भी जारी किया गया था, उनके द्वारा जख्म प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया साथ ही किशोर न्याय परिषद् के समक्ष जख्म प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने का कोई उचित कारण भी नहीं बताया. जेजे एक्ट 2015 की धारा 14(2) के तहत मामले की परिस्थितियों को देखते हुए जांच पूरी करने के लिए 04 महीने का समय दिया गया है. कलेर थाना प्रभारी ही परिषद् के समक्ष जख्म प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है, चूंकि मामला दर्ज होने के बाद पहले ही उचित अवसर दिया जा चुका है, इसलिए कलेर एसएचओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि इस मामले के जांच अधिकारी आरोप पत्र दाखिल करते समय जख्म प्रतिवेदन दाखिल करें. लिहाजा कलेर एसएचओ के आचरण से पता चलता है कि उन्हें किशोर न्याय परिषद् के आदेश की कोई परवाह नहीं है और उन्होंने जान-बूझकर किशोर न्याय परिषद के आदेश की अवहेलना किया है. किशोर न्याय परिषद् जहानाबाद ने धारा 349 सीआरपीसी के तहत कलेर थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न सात दिनों की जेल कर दी जाये परिषद के समक्ष जानबूझकर ज़ख्म रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने के लिए.
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