जहानाबाद. बरसात का मौसम आते ही डायरिया-वोमेटिंग का इंफेक्शन जिले के विभिन्न भागों में फैल गया है. हाल यह है कि रविवार को सदर अस्पताल में डायरिया के इतने केस आये कि उनके इलाज के लिए सदर अस्पताल में बेड की कमी हो गयी. एक-एक बेड पर दो से तीन मरीजों को लिटाकर इलाज करना पड़ा. ज्यादातर मरीजों में लूज मोशन, वोमिटिंग के बाद शरीर में पानी की कमी की शिकायत थी. ऐसे मरीज को उनके शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए सलाइन लगाना पड़ा. डायरिया-वोमिटिंग के मरीजों को सलाइन चढ़ाने में काफी वक्त लगता है. एक-एक मरीज को चार-पांच बोतल से लेकर 8-10 बोतल तक सलाइन चढ़ाना पड़ता है. एक बोतल सलाइन चढ़ाने में दो से ढाई घंटे का समय लगता है. ऐसे में लगातार मरीजों के आने से अस्पताल में बेड की कमी हो जाती है. सदर अस्पताल फिलहाल पीकू वार्ड में शिफ्ट किया गया है. अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग नई बिल्डिंग बनाने के लिए गिरायी गयी है. पीकू वार्ड में पहले से ही जगह और बेड की कमी है, उस पर से लगातार मरीज के आने से जगह की और भी किल्लत हो जाती है. रविवार को भी यही हुआ. सदर अस्पताल में इलाज करने के लिए लगातार डायरिया और वोमिटिंग के मरीज आते रहे जिसके कारण सदर अस्पताल में बेड की कमी हो गयी. ऐसे में सदर अस्पताल के चिकित्सकों को एक ही बेड पर दो और कहीं-कहीं तीन मरीज को भी लिटा कर इलाज करना पड़ा.
रविवार को अस्पताल में इन मरीजों का हुआ इलाज
डायरिया और वोमिटिंग के शिकार होकर सदर अस्पताल में इलाज करने के लिए आने वाले करीब डेढ़ दर्जन मरीजों का इलाज रविवार को अपराह्न तक किया गया. मरीजों का सदर अस्पताल में इलाज हुआ उनमें माछिल की मुस्कान कुमारी और ऋषभ कुमार, हाजीपुर का अविनाश कुमार दक्षिणी दौलतपुर का शिवम कुमार, रिंकी कुमारी, लरसा की कुसुम देवी, सलेमपुर की दौलती देवी और रोशनी कुमारी, गौरापुर की ललिता देवी, शिवाजी पथ की मानवी केसरी, राजाबाजार के आयुष कुमार और रंजू शर्मा, गौरक्षणी की शोभा देवी, लोदीपुर की सुषमा कुमारी, टीमलपुर की कुमारी छाया, पूर्वी ऊंटा की सीमांति देवी और स्नेहा कुमारी और धनधारिया के राहुल कुमार शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है