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सदर अस्पताल में ड्रेसर नहीं रहने से हो रही परेशानी

जिले का सदर अस्पताल बगैर ड्रेसर के चल रहा है. सदर अस्पताल में कोई ड्रेसर नहीं है. पुराने ड्रेसरों की सेवानिवृत्ति के बाद किसी नये ड्रेसर की नियुक्ति नहीं हुई है

जहानाबाद.

जिले का सदर अस्पताल बगैर ड्रेसर के चल रहा है. सदर अस्पताल में कोई ड्रेसर नहीं है. पुराने ड्रेसरों की सेवानिवृत्ति के बाद किसी नये ड्रेसर की नियुक्ति नहीं हुई है जिसके कारण सदर अस्पताल जैसा जिले का बड़ा अस्पताल बगैर ड्रेसर के ही संचालित किया जा रहा है. ड्रेसिंग रूम में ड्रेसर की जगह उनका काम जीएनएम और ओटी असिस्टेंट से लिया जा रहा है. जीएनएम ही ड्रेसर का काम कर रहे हैं. इसके लिए सब अस्पताल की ड्रेसिंग रूम में ड्रेसर की जगह जीएनएम की पदस्थापना की गयी है. हालांकि इस मामले में भी एक शिफ्ट में केवल एक जीएनएम की ड्यूटी ही ड्रेसिंग रूम में लगायी जा रही है. सामान्य स्थिति में इस दिक्कत नहीं होती है किंतु जब किसी एक्सीडेंट दुर्घटना या हादसे में ढेर सारे लोग घायल होकर एक साथ आ जाते हैं तो वैसी स्थिति में एक जीएनएम से ड्रेसिंग का काम संभव नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में ड्रेसिंग रूम के फोर्थ ग्रेड स्टाफ भी उनके कार्य में मदद करते हैं. ड्रेसिंग रूम के लिए दो जीएनएम और दो ओटी असिस्टेंट को ड्रेसिंग के कार्य में लगाया गया है जिन्हें शिफ्ट वाइज ड्यूटी दी जाती है. दिन की ड्यूटी का शिफ्ट सुबह 8 बजे से अपराह्न 2 बजे तक और फिर अपराह्न 2 बजे से रात 8 बजे तक का होता है. जबकि रात्रि ड्यूटी रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक के लिए लगाई जाती है. इनमें से एक जीएनएम को ड्रेसिंग रूम का प्रभाव भी मिला हुआ है, उन्हें इवनिंग शिफ्ट में ड्यूटी दी गई है, क्योंकि उनका काम ड्रेसिंग रूम का प्रभार का भी है और ड्रेसिंग रूम की ड्यूटी की भी जिसके कारण उन्हें ऑफ नहीं मिल पाता है. जबकि दो अन्य शिफ्ट में बारी-बारी से जीएनएम और ओटी असिस्टेंट को ड्रेसिंग रूम की ड्यूटी दी गई है. हालांकि ड्रेसिंग रूम की ड्यूटी में अलग जीएनएम और सदर अस्पताल के वार्ड की ड्यूटी में अलग जीएनएम की ड्यूटी लगी हुई है, लेकिन जब कभी किसी बड़े हादसे या दुर्घटना के समय या जब कभी एक साथ कई घायल आ जाते हैं तो उनकी ड्रेसिंग करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में घायल लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ जाता है.

क्या कहते हैं अधिकारीपुराने ड्रेसरों की सेवानिवृत्ति के बाद कोई नये ड्रेसर की नियुक्ति नहीं हुई है, जिसके कारण जीएनएम को ही ड्रेसिंग रूम की ड्यूटी में लगाया गया है. सामान्य स्थिति में एक शिफ्ट में एक जीएनएम की ड्यूटी से कोई दिक्कत नहीं होती है. विशेष परिस्थिति में अन्य जीएनएम को ड्यूटी के लिए बुलाया जाता है.

डॉ प्रमोद कुमार, प्रभारी अधीक्षक, सदर अस्पताल, जहानाबाद

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