Bihar Politics: बिहार में सियासी उलटफेर के बाद भी कई संशय लगातार बरकरार है. एनडीए और महागठबंधन, बिहार में वर्तमान में यही दो गठबंधन आमने-सामने हैं जो सत्ता में पक्ष और विपक्ष बनी हुई है. इनके घटक दलों की बात करें तो खींचातानी इसे लेकर चलती रहती है. कब कौन सा दल किस गठबंधन की ओर करवट लेकर बैठ जाए ये कहना मुश्किल है. वहीं अब जब लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारी सभी दलों ने तेज कर ली है तो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने भी संगठन को मजबूत करने और अपनी प्लानिंग की दिशा तय कर ली है. हम पार्टी भविष्य में अपने बूते पर प्रदेश में सरकार बनाने की तैयारी में लगी है.
जीतन राम मांझी की पार्टी हम आगामी लोकसभा चुनाव किस गठबंधन के साथ लड़ेगी, इसपर तमाम संशय बरकरार ही हैं. पिछले दिनों जीतन राम मांझी ने जब नीतीश कुमार से मुलाकात की तो बोले कि कसम खा लिए हैं कि नीतीश जी का साथ नहीं छोड़ेंगे. गृह मंत्री अमित शाह से जब जीतन राम मांझी की मुलाकात हुई तो सियासी चर्चाएं तेज हो गयी. वहीं कसम खाने की बात पर जीतन राम मांझी ने अगली प्रतिक्रिया दी कि राजनीति में कसम का कोई मतलब नहीं होता है. जीतन राम मांझी हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और अब पार्टी के संरक्षक हैं. हाल में ही राजगीर में पार्टी की बैठक हुई जिसमें खुलकर जीतन राम मांझी ने कई बड़े संकेत दिए.
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एक न्यूज पेपर को दिए इंटरव्यू में जीतन राम मांझी के बेटे व हम पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि जीतन राम मांझी बिना लाग-लपेट के बोलते हैं. हमारी पार्टी की जब राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई तो नेता व कार्यकर्ताओं ने लोकसभा और विधानसभा की अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही. हमने विधानसभा की 50 सीटों का चयन किया है जहां हम बेहद मजबूत हैं. इनमें 30 सीटें ऐसी हैं जिसपर बहुत अच्छी पकड़ है. हमारी तैयारी है कि 2035 में बिहार में अकेले दम पर ‘हम पार्टी की सरकार’ बने. ये हमारा लक्ष्य है.
बताते चलें कि राजगीर में हुई हम पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भी पार्टी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा था कि जब हमारा संगठन मजबूत हो जाएगा तो हम अपने बूते पर सरकार बनाने में सक्षम होंगे. मुख्यमंत्री बनने के लिए गांव से लेकर बूथ तक संगठन को मजबूत करना होगा. उन्होंने कहा कि अभी हम महागठबंधन में है. बावजूद अपने दल को मजबूत करेंगे. बिहार में हम के कार्यकर्ता ही परिवर्तन और क्रांति लाने के लिए काफी हैं. 26 नवंबर को गांधी मैदान में रैली की तैयारी है.
Published By: Thakur Shaktilochan