कर्मनाशा. दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के कोट्सा गांव में विगत दिनों ऐसा बवंडर तूफान आया कि दर्जनों की संख्या में बड़े-बड़े वृक्ष, छप्पर, बांस के खूंटी सहित 11000 वोल्ट के तार व पोल धराशायी हो गये. ग्रामीणों ने अपने जीवन काल में पहली बार इस तरह का बवंडर तूफान देखा, तो उनके होश उड़ गये. बिजली व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो जाने से पेयजल काे लेकर संकट बढ़ गया. दरअसल, दो दिन पहले क्षेत्र में आकाशीय बिजली का कहर बरपा था, जिसमें क्षेत्र में करीब 48 घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही थी. लेकिन, उसी दिन एक अजीब तरह का दृश्य कोट्सा के ग्रामीणों को अपने जीवन में देखने को मिला. गांव के उत्तरी छोर पर 15 प्रतिशत भूमि पर काली मंदिर के समीप से बवंडर तूफान आया और धरहरा लोहारन गली तक पहुंच गया. यह बवंडर मात्र 10 सेकंड का रहा, लेकिन इस 10 सेकंड के अंदर कोट्सा गांव के करीब 50 पेड़, 50 करकट के घर तथा कई बांस की खूंटे सहित 11000 वोल्ट के पोल व तार उखड़ गये. वहीं, जो बच्चे सिवान में उस समय खेल रहे थे, वे भी बवंडर की चपेट में आ गये और उन्हें कई बीघा की दूरी पर बवंडर फेंक दिया. वहीं, कच्चानुमा घर गिरने से दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये, जिनका इलाज वाराणसी में चल रहा है. इस बवंडर से तार और पोल टूट जाने से गांव की बिजली पूरी तरह से ठप हो गयी, जिससे लोग उमस भरे मौसम में परेशान हो उठे तथा सबमर्सिबल नहीं चलने से पेयजल का संकट गहरा गया. इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी गयी है. जिलाधिकारी के निर्देश पर गांव में पीएचइडी द्वारा पानी का टैंकर भेजा गया. यहां पानी का टैंकर आते ही लाइन लगाकर ग्रामीणों ने बाल्टी से पानी भरना शुरू किया और राहत की सांस ली. हालांकि, इस अजीबोगरीब आपदा के बीच कई समाजसेवी व जनप्रतिनिधि आगे आये और उनकी तत्परता से बिजली विभाग के कर्मियों ने 48 घंटे के बाद विद्युत व्यवस्था बहाल कर दी. कोट्सा गांव निवासी परवेज खान ने बताया कि इस तरह का बवंडर तूफान हम लोगों ने अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा था, जो दृश्य कोट्सा गांव में देखने को मिला. शुक्रवार की देर शाम तक बिजली आपूर्ति शुरू हो गयी थी.
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