भभुआ नगर. सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लगातार नये-नये फरमान जारी हो रहे हैं. लेकिन अधिकारियों की कमी के कारण मामले का सही समय पर निस्तारण करना तो दूर अधिकारी समय से आवश्यक कागजी कार्यों का निस्तारण भी नहीं कर पा रहे हैं. इसके चलते शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के बजाय लोगों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. दरअसल, जिले में इस समय शिक्षा विभाग कार्यालय में डीपीओ से लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का पद खाली है. एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास दो-दो प्रखंड का प्रभार एक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के पास, तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के प्रभार से लेकर कई विभागों का प्रभार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के प्रभार भी चल रहा है. इसके कारण मामले का सही से निष्पादन नहीं हो पा रहा है. वहीं, अधिकारियों को माने तो शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जिले में अधिकारियों से संबंधित सूचना पत्र के माध्यम से विभाग को भी दे दिया गया है. गौरतलब है कि जिले में 11 प्रखंड स्थित है, लेकिन मात्र चार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जिले में कार्यरत हैं. इन चार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास सात प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार है. वहीं, चार प्रखंडों का प्रभार कार्यक्रम पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के पास है. यानी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के प्रभार के साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का भी प्रभार संभाल रहे हैं = जिले के शिक्षा विभाग इस तरह अधिकारियों की कमी का दंश झेल रहा है कि एक डीपीओ के पास तीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के प्रभार के साथ-साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का भी प्रभार है, यानी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर तैनात कृष्ण कुमार गुप्ता के पास जिला स्थापना कार्यालय, लेखा योजना कार्यालय, समग्र शिक्षा अभियान के साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रामपुर का भी प्रभार है. वहीं, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अक्षय कुमार पांडे के पास साक्षरता, माध्यमिक शिक्षा के साथ भभुआ व मोहनिया प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार है. कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन के पास कुदरा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी चैनपुर के पास आधौरा प्रखंड का प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार है. दुर्गावती प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास नुआंव प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार है. रामगढ़ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के प्रभार एक ही अधिकारी के पास है. हालांकि, जिले में कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर तैनात विकास कुमार डीएन का प्रतिनियोजन रोहतास जिले में किया गया था, लेकिन विकास कुमार का प्रतिनियोजन रद्द कर दिया गया है. इधर प्रतिनिधान रद्द होने के बाद कार्यक्रम पदाधिकारी विकास कुमार कैमूर जिले में योगदान कर लिये हैं, लेकिन अभी भी प्रभार नहीं मिला है. = प्रखंडों में अधिकारियों के नहीं रहने से परेशानी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का प्रभार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के पास रहने के चलते शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ आम लोगों को भी परेशानियों को सामना करना पड़ता है. आये दिन आम लोग प्रखंडों में छात्रों के काउंटर साइन सहित अन्य समस्या प्रखंड स्तर पर निष्पादन नहीं होने के कारण जिला शिक्षा विभाग कार्यालय का चक्कर लगाते रहते हैं. जहां कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद कार्यों का निष्पादन हो पाता है. दो महीने में कई पदाधिकारी हो जायेंगे सेवानिवृत्ति जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद पर तैनात सुमन कुमार शर्मा व दुर्गावती सहित अन्य प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अगले दो महीने में सेवानिवृत्ति को जायेंगे. सेवानिवृत होने के पहले अगर विभाग स्तर से अधिकारियों की पोस्टिंग जिले में नहीं की गयी, कई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद खाली हो जायेंगे
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