भभुआ. जिले में धान की फसल की कटनी शुरू हो चुकी है. ऐसे में अगर कृषि विभाग के बगैर अनुमति के धान की कटनी करते हार्वेस्टर खेतों में पाये जाते हैं, तो उनके खिलाफ विभाग द्वारा कानूनी कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि अभी जिले में हलुकन यानी कम समय में पैदा होने वाले धान की कटनी चल रही है. खेत गीला होने से इस वेरायटी के धान किसान अपने हाथों से ही काट रहे हैं. अभी खेतों में धान काटने के लिए हार्वेस्टर नहीं उतारे गये हैं. इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने बताया कि अगर बगैर अनुमति लिये धान की कटनी हार्वेस्टरों द्वारा की जाती है, तो उनके मालिक के खिलाफ विभाग कानूनी कार्रवाई करेगा. ऐसे हार्वेस्टरों को काला सूची में भी डाला जायेगा और आगे धान की कटनी करने को लेकर प्रतिबंधित कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि अभी धनकटनी करने के लिए हार्वेस्टर मालिकों के आवेदन विभाग में आ रहे हैं. लेकिन, हार्वेस्टरों में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लागू है कि नहीं इसका सत्यापन कराने के बाद ही विभाग द्वारा उन्हें जिले में धान काटने की अनुमति दी जायेगी. गौरतलब है कि बगैर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किये अगर हार्वेस्टरों से धान काटा जाता है, तो धान के खेत में डंठल यानी पराली बच जाते हैं, जिसमें बाद में किसान आग लगा देते हैं. इसके कारण पर्यावरण प्रदूषण से लेकर खेतों के बंजर हाेने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि पराली में आग लगाने की घटनाओं को लेकर भी विभाग अब सतर्क हो गया है. सभी किसान सलाहकार, समन्वय व प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर विशेष रूप से नजर रखेंगे.
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