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भोखरी की गलियों में अंधेरा, खेतों को जगमग कर रही सोलर स्ट्रीट लाइट

प्रखंड की भोखरी पंचायत के वार्ड आठ की वार्ड सदस्य व पंचायत सचिव की मिलीभगत से वार्ड की कुछ गलियों को अंधकार की गर्त में समाहित कर सोलर स्ट्रीट लाइट की दुधिया रोशनी से अपने करीबी लोगों के खेतों को जगमग करने का हैरतअंगेज कारनामा वित्तीय वर्ष 2023-24 में किया गया है

मोहनिया सदर. प्रखंड की भोखरी पंचायत के वार्ड आठ की वार्ड सदस्य व पंचायत सचिव की मिलीभगत से वार्ड की कुछ गलियों को अंधकार की गर्त में समाहित कर सोलर स्ट्रीट लाइट की दुधिया रोशनी से अपने करीबी लोगों के खेतों को जगमग करने का हैरतअंगेज कारनामा वित्तीय वर्ष 2023-24 में किया गया है. वार्ड की कुछ गलियां रात के समय अंधेरे में डूब कर सूनी व डरावनी हो गयी है, लेकिन यहां वार्ड की उन गलियों को दरकिनार कर गांव के मुख्य मार्ग पर अर्द्ध मिट्टी निर्मित पथ की बगल में खेत की मेड़ पर लगाया गया है, जहां 100 मीटर के दायरे में एक भी घर नहीं है. इस सोलर स्ट्रीट लाइट की रोशनी रात के समय पशुओं से खेतों में लगी फसलों को शायद बचाने के लिए जलायी जाती है. सबसे गंभीर विषय तो यह है कि यह सब कुछ नींद में नहीं बल्कि पंचायत सचिव व कुछ पदाधिकारियों की जानकारी में ऐसा कारनामा किया गया है, लेकिन जिनके कंधों पर सरकार की राशि के सफल उपयोग की जिम्मेदारी दी गयी है, उन्हीं लोगों ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट निश्चय योजना के 30 हजार रुपये खेतों को प्रकाशित करने पर बिना वजह खर्च कर दिया है. उक्त योजना के अंतर्गत सभी पंचायतों के प्रत्येक वार्ड में 10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रावधान है, लेकिन शायद ही किसी वार्ड में 10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगायी गयी हो, ऐसा सिर्फ भोखरी पंचायत में ही नहीं बल्कि प्रखंड की कई पंचायतों में है, जो जांच का विषय है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को पंगु बनाने में ऐसे लोग कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है, योजना के सफल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर सरकार ने इस भरोसे के साथ डाला है कि उनकी निगरानी में योजनाओं को शत-प्रतिशत धरातल पर उतारा जायेगा, ताकि लोगों को इसका सही लाभ मिल सकें. लेकिन, सरकार की राशि की रखवाली करने वाले ही अपनी जिम्मेदारियों से अपने निजी फायदा के लिए विमुख हो गये हैं. # 2025 तक पूरा करने का रखा गया है लक्ष्य सितंबर 2022 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट निश्चय योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के अंतर्गत पंचायतों के प्रत्येक वार्ड में 10-10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रावधान है. इस तरह प्रत्येक वार्ड में सोलर स्ट्रीट लाइट पर तीन लाख रुपये खर्च करना है. लेकिन, कई पंचायतों में 10 सोलर स्ट्रीट लाइट को कई वार्डों में लगाकर एजेंसियों से मिलकर राशि का बंदरबांट कर लिया गया है, जबकि 10 सोलर स्ट्रीट लाइट सिर्फ एक वार्ड में लगाना है. जून 2025 तक सभी पंचायतों में लक्ष्य के अनुसार सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य पूर्ण करना है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का मुख्य उद्देश्य गांव की गलियों व चौराहों को रौशन करना है, ताकि सार्वजनिक जन उपयोगी व जन लाभ का फायदा ग्रामीणों को मिल सकें. # बिजली की अधिक खपत व कटौती से भी छुटकारा मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना ग्रामीण क्षेत्रों में हरित या स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने का भी एक हिस्सा है. इस योजना के अंतर्गत लगने वाली सोलर स्ट्रीट लाइटों से बिजली की अधिक खपत व बिजली कटने पर भी गांव की गलियां रात्रि के समय अंधकार में नहीं डूबे, सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी पूर्व में छोटी- छोटी एजेंसियों ने ले रखा था. इसकी वजह से उक्त योजना के क्रियान्वयन की गति काफी मंद पड़ गयी. हालांकि, वर्तमान समय में इन लाइटों को लगवाने की जिम्मेदारी नयी एजेंसियों को दिया गया है. वार्डों में सोलर स्ट्रीट लाइटों को लगवाने का कार्य पंचायती राज विभाग द्वारा एजेंसियों को दिया गया है. # बोलीं वार्ड सदस्य इस संबंध में भोखरी पंचायत के वार्ड आठ की वार्ड सदस्य उषा देवी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वार्ड में 10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है, लेकिन उनसे जब यह पूछा गया कि आबादी से काफी दूर खेत में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाने के पीछे क्या कारण है, तो पहले कुछ समय तक चुप रहीं फिर उन्होंने कहा कि हमसे गलती हुई है. हमको वार्ड में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाना चाहिए था, हमने खेत में लगवा दिया है. # बोले पंचायत सचिव इस संबंध में पूछे जाने पर पंचायत सचिव प्रफुल्ल झा ने कहा कि वार्ड में किस स्थान पर सोलर स्ट्रीट लाइट लगानी है, इसका चयन वार्ड सदस्य को करना था. वार्ड सदस्य ने खेत में लाइट लगवा कर गलत किया है, लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि उसकी निगरानी की जिम्मेदारी आप की भी बनती है, तो उन्होंने भी माना कि गलती हुई है. हमारी इस चूक से गलत जगह रुपये खर्च हो गये, फिलहाल हम इसे देखते हैं.

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