कैमूर न्यूज : कैमूर के हाटा में एक व्यक्ति को पकड़ने आया था फर्जी दारोगा
चैनपुर.
बिहार में अभी फर्जी आइपीएस के पकड़े जाने की चर्चा चल ही रही थी कि अब प्रदेश के कैमूर जिले में फर्जी दारोगा के पकड़े जाने से चर्चा का माहौल गर्म हो गया है. साथ ही फर्जी दारोगा के साथ उसके दो अन्य साथी भी पकड़े गये हैं, जिसके बाद पूरे जिले में इस बात की चर्चा हो रही है कि बिहार में अब कौन-कौन से फर्जी अधिकारी पकड़े जायेंगे. इससे पहले कैमूर पुलिस की ओर से फर्जी डीटीओ को भी पकड़ा जा चुका है. गिरफ्तार फर्जी दारोगा उत्तर प्रदेश के गोलाघाट रामनगर निवासी सतीश चौहान का पुत्र त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान बताया जाता है. दारोगा के साथ पकड़े गये दो अन्य साथियों में मिर्जापुर के कटरा कोतवाली निवासी सीताराम निषाद के पुत्र संदीप कुमार निषाद एवं वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र के शिवपुरवा निवासी भरत लाल के पुत्र संजय साहनी बताये जाते हैं. बुधवार को चैनपुर थाने में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसडीपीओ शिव शंकर कुमार ने बताया कि पुलिस की ओर से फर्जी दारोगा समेत उसके दो अन्य साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से एक स्विफ्ट डिजायर कार, चार मोबाइल एवं 22000 रुपये नकदी समेत अन्य सामान भी बरामद किया गया है. एसडीपीओ ने बताया कि फर्जी दारोगा एवं उसके दो अन्य साथी स्विफ्ट डिजायर से हाटा बाजार पहुंचे और वहां एक व्यक्ति को पकड़कर उसे हथकड़ी पहना दिये. एसडीपीओ ने बताया कि पकड़े गये व्यक्तियों को उन लोगों ने यूपी पुलिस के एक्साइज दारोगा के रूप में परिचय दिया था और कहा कि यदि पैसा दोगे, तो तुम्हें छोड़ दिया जायेगा. अन्यथा, तुम्हें मारकर कहीं फेंक देंगे. इतना सुनने के बाद हाटा के वक्त व्यक्ति ने 22000 रुपये दे दिये, लेकिन इसके बाद उन लोगों ने और पैसे की डिमांड की. साथ ही पेमेंट एप के जरिये 20000 रुपये किसी नंबर पर भी डलवाये. एसडीपीओ ने बताया कि इस दौरान इसकी जानकारी पुलिस को मिली और मोबाइल नंबर भी मिला, जिसके आधार पर डीआइयू की टीम और चैनपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गाड़ी सहित फर्जी दारोगा एवं उसके दो अन्य साथियों को पकड़ लिया गया. उन्होंने बताया कि उनके पास से 22000 रुपये नकदी, चार मोबाइल, रस्सा सहित एक हथकड़ी, इस मामले में प्रयुक्त स्विफ्ट डिजायर कार, पुलिस वर्दी का एक बेल्ट, पिस्टल रखने का कवर आदि बरामद किया गया है.पुलिस की धौंस दिखा धन उगाही का करते थे कार्य
कैमूर पुलिस की ओर से चैनपुर थाना क्षेत्र के हाटा में छापेमारी कर उत्तर प्रदेश एक्साइज दारोगा बनाकर धन उगाही करने वाले एक गैंग का खुलासा किया गया. इस गैंग के द्वारा आम व्यक्तियों को अपने कब्जे में लेकर हथकड़ी लगाकर पिस्तौल दिखाकर एवं जान से मारने की धमकी देते हुए पैसे की उगाही किया जा रहा था. यानी ये पुलिस की धौंस दिखाकर खुलेआम धन उगाही का कार्य कर रहे थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसडीपीओ ने बताया कि मंगलवार की देर शाम सूचना मिली थी कि इस तरह के एक ग्रुप के द्वारा चैनपुर थाना क्षेत्र के हाटा बाजार में एक व्यक्ति को कब्जे में लेकर स्विफ्ट डिजायर यूपी 65 एचटी 5061 में बैठाया गया और उसे तुरंत हथकड़ी पहना दी गयी. उसे किसी अज्ञात स्थान पर ले जाकर उगाही की गयी. एसडीपीओ ने बताया कि पूछताछ के क्रम में पता चला कि फर्जी एक्साइज दारोगा एवं उसकी टीम की ओर से उक्त व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देते हुए पैसे की मांग की गयी. साथ ही तत्काल पैसा नहीं देने पर पिस्टल दिखाते हुए बोला कि जल्दी पैसा दो, अन्यथा मार कर कर्मनाशा नदी में फेंक देंगे. अपनी जान बचाने के लिए उक्त व्यक्ति ने अपने भाई को फोन कर फर्जी पुलिस टीम के बताये मोबाइल नंबर पर 20000 रुपये ट्रांसफर कराया. उसके पास रहे 22000 रुपये उन लोगों ने छीन लिये. इसके बाद इस बात का जिक्र किसी से भी नहीं करने की धमकी देते हुए उसे जीटी रोड के समीप छोड़ दिया. एसडीपीओ ने बताया कि इस घटना की जानकारी मिलते ही चैनपुर थाना अध्यक्ष व डीआइयू प्रभारी के नेतृत्व में संयुक्त टीम का गठन किया गया और इस टीम के द्वारा प्राप्त मोबाइल नंबर, यूपीआइ ट्रांजैक्शन, तकनीकी अनुसंधान एवं मानवीय सूत्रों की सहायता लेते हुए इस घटना में शामिल सभी तीनों लोगों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना में प्रयुक्त कार एवं 22000 रुपये भी बरामद कर लिया गया.फर्जी दारोगा पहले करता था सिक्योरिटी गार्ड का कार्य
पुलिस की कार्यवाही में पकड़े गये फर्जी दारोगा एवं इस घटना का मास्टरमाइंड त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान उत्तर प्रदेश के रामनगर का रहने वाला है. वह पहले सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था. एसडीपीओ ने बताया कि इसके बाद वह कई संस्थानों में लोगों को सिक्योरिटी गार्ड के रूप में रखवाने लगा. सिक्योरिटी गार्ड का कार्य करते-करते संजय चौहान फर्जी दारोगा बन गया और वह अपने साथ दो अन्य लोगों को भी इस कार्य में शामिल कर लिया और वर्दी का धौंस दिखाकर लोगों से धन उगाही का कार्य भी करने लगा. फर्जी दारोगा बनने के बाद उसे अच्छी कमाई होने लगी. इससे उसे यह कार्य करने में आनंद आने लगा, लेकिन कहा जाता है कि हर गंदे काम का एक दिन अंत होता है और इसका भी अंत आखिरकार असली पुलिस ने कर दिया.कर्मनाशा में रहकर करता था छापेमारी
नकली दारोगा के पकड़े जाने की खबर जैसे ही लोगों को मिली, इस बात की चर्चा हर तरफ होने लगी कि यदि सामने असली पुलिस वाला भी खड़ा हो जाये, तो लोग उसे भी शक की निगाह से देखने लगेंगे. चैनपुर पुलिस की ओर से पकड़े गये नकली दारोगा ने पूछताछ के क्रम में बताया कि वह कर्मनाशा में किराये के मकान में रहकर आसपास के क्षेत्र में लोगों को अपना शिकार बनाता था. उसने बताया कि वह ज्यादातर शराब के धंधेबाज समेत इस तरह के कार्य करने वालों को ही वह अपना शिकार बनाता था. लेकिन, वह दूसरों को अपना शिकार बनाते-बनाते खुद ही असली पुलिस का शिकार बन गया.
नकली दारोगा पर आधा दर्जन से अधिक मामले
चैनपुर पुलिस के पकड़े में आये फर्जी दारोगा त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान का आपराधिक इतिहास रहा है. इस पर बनारस के अलग-अलग थाने में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. एसडीपीओ शिव शंकर कुमार ने बताया कि संजय चौहान पर वाराणसी के चेतगंज, भेलूपुर, लक्शा, लंका, रामनगर सहित अन्य थानों में विभिन्न मामले दर्ज हैं, जिसमें चोरी, लूटपाट, ठगी सहित कई मामले दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि इस पर और कहां-कहां मामले दर्ज हैं और क्या-क्या आप है, इसकी भी जांच की जा रही है. साथ ही इसके दो अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है. एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार तीनों लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्राथमिक दर्ज कर मेडिकल जांच के बाद न्याय हिरासत में भेजा जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है