भभुआ. जिले से गुजरने वाले कोलकाता-वाराणसी एक्सप्रेसवे के निर्माण में सरकार द्वारा अधिग्रहित किये जाने वाली जमीन के भूमि मुआवजा को लेकर किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 25 अगस्त से किसान एक्सप्रेसवे निर्माण करने वाली कंपनी के बेस कैंप स्थल पर फिर से धरना व प्रदर्शन शुरू करेंगे. अधिग्रहित भूमि को लेकर पुराने दर पर मुआवजा भुगतान को ले लगाये जा रहे प्रखंड स्तरीय कैंपों से किसान असंतुष्ट हैं. गौरतलब है कि भारत माला परियोजना के तहत जिले से गुजरने वाले कोलकाता-वाराणसी एक्सप्रेसवे में सरकार द्वारा किसानों के अधिग्रहित भूमि के मुआवजा को लेकर पिछले दो साल से किसान धरना व प्रदर्शन कर रहे हैं. मामला इतना संवेदनशील हो चुका है कि किसानों के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत भी इसे लेकर कैमूर में किसानों की महापंचायत लगाने से लेकर आंदोलन करने का एलान पूर्व में कर चुके हैं. किसानों का कहना है कि भारत माला परियोजना के एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए कैमूर जिले के 93 मौजों का 1700 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया गया है. लेकिन, भूमि अधिग्रहण में किसानों की कीमती जमीन के बदले बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है. इधर, इसे लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी को आवेदन देने वाले मोर्चा के जिला महासचिव पशुपतिनाथ सिंह ने बताया कि अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजा को लेकर इस साल 78 दिन किसानों ने कैंप स्थल पर पूर्व में धरना दिया था. बाद में आचार संहिता को ले डीएम के अनुरोध पर यह धरना स्थगित कर दिया गया था और किसानों को लगा था कि सरकार उनके बातों पर विचार कर बढ़े रेट पर किसानों भूमि मुआवजा प्रदान करायेगी. लेकिन, ऐसा कुछ हुआ नहीं, मुआवजा को लेकर जो प्रखंड स्तर पर वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा जो कैंप लगवाये जा रहे है, उसमें पुराने दर पर मुआवजा देने की ही बात हो रही है और किसानों से कागजात मांगे जा रहे हैं. इसे देखते हुए किसान संघर्ष मोर्चा फिर से पुराने मुआवजा दर के विरोध में निर्माण कंपनी पीएनसी के कैंप गेट पर धरना शुरू करने जा रहा है.
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