कुदरा. शुक्रवार को जिला पुलिस द्वारा अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया हैं. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गिरफ्तार आरोपितों में औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना स्थित आजम गांव निवासी राम प्यारे राय का पुत्र धनजीत कुमार व रोहतास जिला के अकबरपुर गांव निवासी कयामुद्दीन खान का पुत्र मोहम्मद सलमान बताये जाते है. इस मामले को लेकर एसपी ललित मोहन शर्मा द्वारा कुदरा थाने में प्रेसवार्ता कर उक्त मामले की जानकारी दी, साथ ही उन्होंने बताया कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत 22 मई को पुसौली बाजार से एक स्कॉर्पियो की चोरी होने की प्राथमिक कुदरा थाने में दर्ज करायी गयी थी. पुलिस द्वारा तकनीकी अनुसंधान व सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उक्त गिरोह के सेंट्रो कार की कुदरा थाना क्षेत्र के सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हुई, इसी क्रम में कुदरा में बनाये गये चेकपोस्ट के पास वाहन चेकिंग के दौरान एक सेंट्रो कार आयी, जिसे रोका गया तो चालक ने भागने का प्रयास किया, परंतु उसे पुलिस बल की मदद से गिरफ्तार किया गया. जब कागज की मांग की गयी, तो चालक द्वारा गाड़ी का कोई भी कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया, तो पुलिस द्वारा शक्ति से पूछताछ करने पर पता चला कि यह चोरी की गाड़ी है और फर्जी नंबर प्लेट लगाकर एक वर्ष से गाड़ी चोरी करने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. गहन पूछताछ के दौरान यह मालूम चला कि इनके गैंग का मास्टरमाइंड पप्पू खान उर्फ अशरफ खान है जो स्कॉर्पियो का लॉक तोड़ने के माहिर हैं, यह अपराधी बालू का भी व्यवसाय करता है तथा अवैध शराब से जुड़े होने का बात भी बतायी गयी है. यह गैंग कुदरा, भभुआ, डेहरी ऑन सोन, सासाराम औरंगाबाद तथा उत्तर प्रदेश के चंदौली जिला में भी सक्रिय होकर स्कॉर्पियो की चोरी कर चुके हैं. साथ ही बताया वाहन चोरी मामले में कुदरा थाने में तीन कांड, भभुआ थाने में दो कांड, डेहरी थाने में एक कांड, सासाराम में एक कांड व दाउदनगर थाने में एक कांड दर्ज है व अन्य कई कांडों में चोरी करने की बात भी उनके द्वारा स्वीकार की गयी है. एक भी वाहन नहीं हुआ बरामद मोहनिया शहर. भले ही जिला पुलिस द्वारा वाहन चोर मामले का उद्भेदन करने का दावा कर रही है, लेकिन चोरी गये वाहन को अब तक बरामद पुलिस द्वारा नहीं किया गया हैं, जिससे लोगों में काफी असंतोष है. मालूम हो कि जिले के कई थाना क्षेत्र से चार चक्का वाहन की चोरी लगातार की गयी है, जिसकी प्राथमिकी भी थाने में दर्ज करायी गयी है. उसका पुलिस द्वारा उद्भेदन भी करने का दावा किया गया,. लेकिन चोरी गये चार चक्का वाहन को बरामद करने में पुलिस काफी पीछे है. ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि उद्भेदन तो पुलिस द्वारा किया गया, लेकिन यह जानकारी नहीं दी गयी कि अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह आखिर वाहन की चोरी कर वाहन को किसको बेचते है या कहां बेचे है, जबकि चोरी गये वाहन का इस्तेमाल किसके द्वारा कहा किया जा रहा हैं. इन सभी सवाल का जवाब नहीं मिला, जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि पुलिस द्वारा वाहन चोरी के उद्भेदन किये गये मामले आधा अधूरा हैं.
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