दुर्गावती. गुरुवार की सुबह लगभग सात बजे स्थानीय थाना क्षेत्र के बहेरा गांव के एक घर में गैस चूल्हे पर खाना बनाने के दौरान सिलिंडर में रिसाव से घर में आग लग गयी. आग लगने से मां व बेटे की एक साथ जलकर मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, बहेरा गांव निवासी सिंधु केवट की पत्नी किरण देवी घर में गैस चूल्हे पर खाना बना रही थी. इसी बीच सिलिंडर से गैस के रिसाव से अचानक आग लग गयी और देखते ही देखते धधकती आग घर के अंदर चारों तरफ फैल गयी. इससे रखे सामान जलने लगे और धुएं से घर-आंगन में अंधकार सा छा गया . साथ ही जिस घर में बच्चे सो रहे थे, आग की लपटे वहां भी पहुंच गयी. बच्चों को धधकती आग के बीच घिरा देख बेकाबू आग के बीच मां भी कूद गयी. धधकती आग के बीच जग लड़ती मां ने तीन बेटियों को तो बचा लिया, लेकिन आठ वर्षीय बेटे को नहीं बचा सकी और खुद भी जंग हार गयी. नतीजा बचाने के क्रम में धधकती आग के बीच बेटे के साथ मां की भी मौत हो गयी. इधर, आग लगने और मौत की खबर जंगल में लगी आग की तरह फैल गयी. आग नहीं बूझते देख लोगों द्वारा इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी गयी. फायर ब्रिगेड व ग्रामीणों के सहयोग से आग को बुझा लिया गया. इसी बीच घर के लोगों को बचाने के क्रम में चाचा श्रवण कुमार भी झुलस गये. इस घटना की खबर लगते ही मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन द्वारा हालात की जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई कर दोनों शवों को कब्जे में कर सदर अस्पताल भभुआ भेज दिया, जहां अंत्यपरीक्षण के बाद अंतिम दाह संस्कार के लिए दोनों शव परिजनों को सौंप दिया गया. जानकारी के अनुसार, गरीब तबके के बहेरा गांव निवासी मजदूर सिंधु केवट मेहनत मजदूरी का काम करते हैं. इन दिनों परिवार की परवरिश के लिए हरियाणा में मजदूरी करने चले गये थे. पत्नी किरण देवी तीन पुत्रियां व एक पुत्र के साथ रहकर घर परिवार संभाल रही थी. गुरुवार को दीपावली पर्व को लेकर चारों तरफ उत्सवी माहौल था. लेकिन, इस परिवार को क्या पता की शाम में होने वाले दीपोत्सव की खुशियों से पहले ही अहले सुबह गमों का पहाड़ टूट पड़ेगा. इस हृदय विदारक घटना में मां-बेटे की मौत से घर आंगन में चीत्कार मच गया. हरियाणा में मजदूरी कर रहे सिंधु केवट का इंतजार सिंधु केवट को तीन पुत्रियों में सबसे बड़ी 12 वर्षीय काजल कुमारी कक्षा छठी में पढ़ती है. इसके बाद माता-पिता का इकलौते आठ वर्षीय पुत्र गोलू ही था, जिसकी इस हादसे में मां के साथ ही मौत हो गयी. वहीं, अन्य दो और बेटियों में शीतल कुमारी पांच वर्ष व तन्नु कुमारी तीन वर्ष की है. मां ने दिलेरी दिखाते हुए तीनों बच्चियों को तो बचा लिया, लेकिन बेटे को बचाने में बेटे सहित झुलस गयी, जिससे मां-बेटे की मौत हो गयी. इस घटना की खबर हरियाणा रहकर जीविकोपार्जन के लिए मजदूरी कर रहे सिंधु केवट को दे दी गयी है, जिनके आने का अन्य परिजन इंतजार कर रहे थे. जबकि, तीनों बच्चियां भी मां और भाई की मौत से मर्माहत थी, जिनको परिजन संभाल रहे थे. # अनहोनी ने छीन लिया भाई का प्यार व मां के ममता की छांव तीनों बच्चियों के सिर से भाई का प्यार व मां की ममता का छांव हुई अनहोनी हादसा ने छीन लिया. तीन वर्षीय छोटी बिटिया तन्नु को शायद यह भी पता नहीं की जिसके गोद में अठखेलियां करती थी, उस मां की ममता और भाई की खुशियां छीन गयी है. इस हृदय विदारक घटना से दरवाजे पहुंचे ढांढ़स बंधाने वालों की आंखों से भी बरबस ही आंसू छलक पड़ रहे थे. # अब तक आवास योजना का भी नहीं मिला लाभ मौके पर आग बुझाने पहुंचे ग्रामीण बताते हैं कि सिंधु केवट पांच भाई हैं. सभी भाई अलग-अलग रहते हैं. एक भाई गांव के निकट ही दूसरी जगह मकान बना कर रहते हैं तथा चार भाई एक ही आंगन में एक-एक कमरे में किसी तरह गुजर बसर करते हैं. सिंधु को तो सरकारी आवास योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला है. जिस समय आग लगी, उस समय घर की महिलाएं अपने-अपने कामों में व्यस्त थी. अचानक लगी आग के बाद सभी अपनी जान बचाने के लिए घर से इधर-उधर भागने लगी. इससे अगल-बगल के घरों में भी अफरातफरी मच गयी थी. घर से ही थोड़ी ही दूरी पर किसी अन्य कार्य में लगे चाचा श्रवण कुमार हो हल्ला की आवाज सुन पहुंचे और आग के बीच फंसे घर वालों को निकालने के दौरान यह भी गंभीर रूप से झुलस गये, जिनका इलाज पीएचसी पर कराया गया. हालांकि, वह खतरे से बाहर बताये जाते हैं.
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