भभुआ. आज से सरकार के समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीद आरंभ करा दिया जायेगा. लेकिन, अब तक सहकारिता विभाग द्वारा कैमूर किसानों से खरीदे जाने वाले धान को लेकर कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जा सका है. जिले में धान खरीद का शुभारंभ 15 नवंबर से जिले के पांच क्रय केंद्र जगरीया, बम्हौर खास मोकरम, सिरिहिरा तथा मेउडा में शुरू करा दिया जायेगा. धान की खरीद करने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा अब तक 110 पैक्स समितियां और 7 व्यापार मंडलों को अधिकृत किया गया है. क्रय समितियों धान की खरीद सरकार द्वारा निर्धारित 2300 रुपये प्रति क्विंटल के दर पर किसानों से किया जायेगा. क्रय एजेंसियों द्वारा किसानों से खरीदे गये धान के मूल्य का भुगतान 48 घंटे के अंदर पीएफएमएस के माध्यम से कर देना होगा. भुगतान की सूचना किसानों को उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दिया जायेगा. धान क्रय केवल कृषि विभाग से निबंधित किसानों का ही किया जायेगा. धान का क्रय पंचायत स्तर पर पैक्स, प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल तथा जिला स्तर पर किसी भी क्रय केंद्र के माध्यम से किया जायेगा. जिला सहकारिता पदाधिकारी सह धान क्रय नोडल पदाधिकारी के अनुसार इस बार किसानों को धान बेचने के पहले बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाना होगा. इसके बाद उनके मोबाइल पर ओटीपी जायेगा, तब उनके धान की खरीद आरंभ की जायेगी. शुक्रवार से जिले में धान की खरीद आरंभ कराने की बात तो जिला सहकारिता विभाग सह धान क्रय नोड्ल विभाग द्वारा बतायी जा रही है. पर अब तक जिले में किसानों से कितना धान खरीदा जाना है, इसका लक्ष्य विभाग द्वारा निर्धारित नहीं किया जा सका है. जबकि, इस साल धान के कटोरा कैमूर धान का उत्पादन बंफर होने की उम्मीद जतायी जा रही है. इधर, इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी सह धान क्रय नोडल पदाधिकारी ने बताया कि धान क्रय का लक्ष्य सरकार स्तर से निर्धारित किया जाता है, जो अभी तक जिले को प्राप्त नहीं है. सरकार द्वारा लक्ष्य निर्धारित करने के बाद जिला स्तर पर उक्त लक्ष्य का आवंटन पंचायत वार खरीद का किया जाता है. इन्सेट अभी धान की कटनी नहीं पकड़ सकी है रफ्तार भभुआ. जिले में वैसे तो आज से धान की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा शुरू कर दी जायेगी, लेकिन अभी जिले में धान की कटनी रफ्तार नहीं पकड़ सकी है. कहीं कहीं किसानों द्वारा छिटपुट धान की कटनी की जा रही है. निबी के किसान राजू सिंह तथा अन्य किसानों के अनुसार अभी हलुकन किस्म के धान जैसे कृष्ष्णा, सोनम आदि की कटनी कहीं कहीं हो रही है. किसानों ने बताया कि वैसे धान की बालियां तैयार हैं. लेकिन, अभी खेत गीला होने से इसमें हार्वेस्टर को नहीं उतारा जा सकता है. इसलिए धान की कटनी में रफ्तार नहीं पकड़ रही है. वैसे भी दीपावली, छठ आदि पर्व के कारण भी धन कटनी रफ्तार नहीं पकड़ रही है. लेकिन, एक सप्ताह के अंदर बहुत सारे खेतों की कटनी तेज हो जायेगी. फिलहाल धान बेचने के लिए जिले में इस साल अब तक 1403 किसानों ने अपना निबंधन करा लिया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है