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कागजों पर हैंडपंपों की मरम्मत, धरातल पर जल संकट

भीषण गर्मी के बावजूद शहर में की पेयजल व्यवस्था अभी तक दुरुस्त नहीं हो पायी है. नतीजा यह है कि शहर के विभिन्न मुहल्लों में इंडिया मार्क हैंडपंप खराब पड़े हैं.

भभुआ सदर. भीषण गर्मी के बावजूद शहर में की पेयजल व्यवस्था अभी तक दुरुस्त नहीं हो पायी है. नतीजा यह है कि शहर के विभिन्न मुहल्लों में इंडिया मार्क हैंडपंप खराब पड़े हैं. हाल यह है कि महीनों से खराब हैंडपंपों की मरम्मत की फिक्र न तो नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारियों को है और न ही पीएचइडी को. हालांकि, पीएचइडी द्वारा हैंडपंप मरम्मत की खातिर टीम का गठन किया गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र तो दूर शहर में भी हैंडपंपों की मरम्मत नहीं हो रही है. पेयजल के संकट से जूझ रहे शहरवासियों का कहना था कि विभाग केवल कागजों पर ही हैंडपंपों की मरम्मत करवा रहा है, धरातल पर स्थिति कुछ और ही है. दरअसल, शहर में पानी के दोहन के चलते भूजल स्तर लगातार गिर रहा है और स्थिति यह हो गयी है कि शहर के कई क्षेत्रों के हैंडपंप सूख गये हैं या कई गर्मी पड़ते ही जवाब देने लगे हैं. शहरी इलाके की स्थिति दिन-प्रतिदिन भयावह होती जा रही है. पेयजल संकट होने से शहरवासियों की परेशानियां बढ़ गयी हैं. तापमान बढ़ने के साथ ही लोगों के हलक सूख रहे हैं, तो शहर के कई इलाकों में लोग जल संकट से जूझ रहे हैं. शहर की आबादी और जरूरत को देखते हुए यूं तो पीएचइडी और भभुआ नगर पर्षद द्वारा शहर में विभिन्न स्थानों पर लगभग नौ सौ से ज्यादा हैंडपंप लगवाये गये हैं. लेकिन, इनमें कितने लगने के बाद से बेकार पड़े हैं यह विभाग को भी नहीं पता है. इसके अलावा नगर पर्षद क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर इंडिया मार्का हैंडपंप भी लगाया गया हैं. लेकिन, मुंडेश्वरी सिनेमा हॉल, अखलासपुर बस स्टैंड के बाहर, नगर थाना के सामने के अलावा अधिकतर हैंडपंप बंद पड़े हैं. वैसे, हैंडपंप को छोड़ हर घर नल का जल की बात करें तो अभी भी भभुआ शहर में मुख्यमंत्री के सात निश्चय की यह योजना शैशवावस्था से आगे नहीं बढ़ पायी हैं. फिलहाल, नलजल योजना के तहत अभी भी अधिकतर जगहों पर पानी सप्लाइ जैसे-तैसे की जा रही है. ले देकर शहर में पीएचइडी की ओर से विशाल जलमीनार खड़ी कर सप्लाइ का पानी दिये जाने का दंभ भले ही भरा जा रहा हो, लेकिन अभी भी अधिकतर मुहल्लों में वाटर सप्लाइ ख्वाब ही बनी है. जहां सप्लाइ का पानी पहुंच भी रहा है वहां के लोग इसे पीने से घबराते हैं, क्योंकि उसके रंग और स्वाद से स्पष्ट पता चलता है कि पानी प्रदूषित है. ऐसे में सेहत ठीक रखने का केवल एक ही चारा बचता है कि खुद ही साफ पानी का प्रबंध करें या फिर बाजार में बिक रहे आरओ के पानी पर पैसे खर्च करें. = कही हैंडपंप ही नहीं, तो कहीं मिले महीनों से खराब शहर में पेयजल की हो रही समस्या और खराब पड़े हैंडपंपों के संबंध में मंगलवार को जब प्रभात खबर टीम शहर में गाड़े गये हैंडपंपाें की स्थिति जांचने निकली, तो कई प्रमुख जगहों पर हैंडपंप खराब पड़े हुए थे. शहर के अखलासपुर बस स्टैंड से राजेंद्र सरोवर और कैलाशपुरी मुहल्ला गेट तक तो एक भी हैंडपंप नहीं मिला और ना ही इन जगहों पर प्यास बुझाने के कोई साधन ही लगे दिखायी दिये. ऐसा ही हाल कैमूर स्तंभ से लेकर सोनहन बस पड़ाव तक की है. सोनहन बस पड़ाव में एक हैंडपंप गड़ा मिला. लेकिन, जानकारी मिली कि पेयजल की खातिर इसे लोगों द्वारा सहयोग से मरम्मत करवायी जाती है जिसके चलते यह चालू है. अगर विभाग के भरोसे रहता तो यह भी हैंडपंप खराब मिलता. बस पड़ाव में मिले लोगों का कहना था कि खराब पड़े हैंडपंपाें के मरम्मत के लिए कई बार नगर पर्षद और पीएचइडी से गुहार लगायी गयी, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी व्यस्त बताकर शहर की इस गंभीर समस्या से अपना मुंह मोड़ ले रहे हैं. = लोगों ने कहा-शिकायत के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई शहर के लोगों का कहना था कि हैंडपंप मरम्मत के लिए पीएचइडी और नगरपालिका को कई बार कहा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है. शहर के वार्ड 18 के रहनेवाले धीरज कुमार, चंदन पटेल, विनीत कुमार, गोविंद चौबे, राधे सिंह आदि का कहना था कि शहर में कई जगहों पर महीनों से हैंडपंप खराब पड़ा हुआ है. हैंडपंप की मरम्मत के लिए कई बार पीएचइडी के अधिकारियों को फोन द्वारा जानकारी दी गयी, लेकिन किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया. इसी तरह एकता चौक निवासी अभिषेक चौरसिया ने कहा कि उनके मुहल्ले में अधिकतर हैंडपंप खराब है लेकिन कोई बनवा नहीं रहा है. गर्मी के दिनों में काफी परेशानी हो रही है. शक्तिनगर के राजीव कुमार ने कहा कि मोहल्ले में कई हैंडपंप खराब हैं, लेकिन किसी को कोई चिता नहीं है. आशीष पांडे ने कहा कि सरकारी हैंडपंप काफी दिनों से खराब है लेकिन जवाबदेह अधिकारी मरम्मत कराने का नाम नहीं ले रहे है. रवि श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्य मार्ग पर हैंडपंप खराब हैं. गर्मी के दिन में पानी की किल्लत है, वाटर सप्लाई एक निश्चित समय पर लोगों को मिलता है, लेकिन हैंडपंप शुरू होने से ठीक होने से लोगों को सहूलियत मिल सकती है. इस पर पीएचइडी और नगर पर्षद को ध्यान देने की जरूरत है. = मरम्मत के लिए बनायी गयी है टीम शहर में खराब पड़े हैंडपंप के संबंध में पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता अमित कुमार का कहना था कि हैंडपंप की मरम्मत के लिए टीम बनायी गयी है, जिनके द्वारा सूचना पर हैंडपंपों की मरम्मत की जा रही है. शहर में भी अभियान चलाकर हैंडपंप की मरम्मत करायी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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