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राजद व माले ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का लगाया आरोप

चांद थाना क्षेत्र के सिलौटा गांव में बीते तीन जुलाई को खेत जोतने को लेकर हुई मारपीट में दोनों पक्षों से भभुआ विधायक भरत बिंद समेत आठ लोगों के घायल होने का मामला अब धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेता जा रहा है.

भभुआ कार्यालय. चांद थाना क्षेत्र के सिलौटा गांव में बीते तीन जुलाई को खेत जोतने को लेकर हुई मारपीट में दोनों पक्षों से भभुआ विधायक भरत बिंद समेत आठ लोगों के घायल होने का मामला अब धीरे-धीरे राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. इस मामले में अभी तक विधायक के साथ मारपीट करने के आरोप में चार लोगों को चांद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, चांद के थानेदार राजीव रंजन सिंह को भी विधायक के साथ मारपीट करने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने पर लाइन हाजिर कर दिया गया है. सोमवार को उक्त मामले में राजद व माले का प्रतिनिधिमंडल राजनैतिक दबाव में एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए डीएम व एसपी से मिला. वहीं, राजद व माले के प्रतिनिधिमंडल के मिलने के तुरंत बाद भभुआ विधायक भरत बिंद भी डीएम-एसपी से मिले और तीन जुलाई को उनके दरवाजे पर चढ़ कर किये गये कातिलाना हमले मामले में जांच कर शामिल दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की. – राजद व माले ने आंदोलन करने का दी चेतावनी राजद व माले के प्रतिनिधिमंडल में राजद के जिलाध्यक्ष अकलू राम, महासचिव भोलानाथ सिंह, माले के जिला सचिव विजय सिंह यादव, कार्यालय सचिव मोरध्वज सिंह ने पहले डीएम और उसके बाद एसपी से मुलाकात की और कहा कि विधायक भारत बिंद व उनके परिवार के लोगों द्वारा सिलौटा गांव में वहां के भूमिहीन परिवार के साथ मारपीट भी की गयी है और राजनीतिक दबाव देकर पीड़ित पक्ष के लोगों पर झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई भी की गयी है. उक्त मामले में पीड़ित पक्ष द्वारा भी भभुआ विधायक के साथ उनके परिवार के अन्य लोगों पर चांद थाने में प्राथमिक की दर्ज करायी गयी है, उस मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. विधायक पर प्राथमिक दर्ज करने वाले थानेदार को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है, यह सभी कार्रवाई स्पष्ट रूप से बता रहा है कि राजनीतिक दबाव में विधायक अपने प्रभाव का फायदा उठाते हुए पीड़ित पक्ष पर ही कार्रवाई कर रहे हैं और जिला प्रशासन राजनीतिक दबाव में एकतरफा कार्रवाई कर रहा है. जिला प्रशासन अब राजनीतिक दबाव में सिलौटा गांव के पीड़ित पक्ष के लोगों का घर अतिक्रमण के नाम पर तोड़ने का साजिश कर रहा है, जो कि सरासर गलत है. प्रतिनिधिमंडल द्वारा डीएम और एसपी को सौंप गये ज्ञापन में कहा गया है कि अगर प्रशासन द्वारा निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो हम लोग आंदोलन करेंगे. दोनों तरफ से प्राथमिक दर्ज करायी गयी है, लेकिन सिर्फ एक तरफ कार्रवाई करना और विधायक के पक्ष के लोगों द्वारा पिटाई किये जाने के बावजूद उनके ऊपर जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना स्पष्ट रूप से बता रहा है कि राजनीतिक दबाव व प्रभाव के बल पर जिला प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रहा है. = विधायक ने की दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग इधर, विधायक भरत बिंद भी डीएम व एसपी से मिले और उन्होंने डीएम-एसपी से कहा कि उक्त घटना के दिन वह लगातार झगड़ा छुड़ाने का काम कर रहे थे, जिसका वीडियो भी उनके पास है. इसके बावजूद उक्त लोगों द्वारा उनके साथ दरवाजे पर चढ़ कर कातिलाना हमला किया गया, जिसमें वे जख्मी हुए हैं. उन्होंने डीएम एसपी से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके द्वारा सिलौटा गांव में अतिक्रमण को लेकर किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की गयी है. उनके साथ सिलौटा गांव में तीन जुलाई को मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया, उक्त मामले में निष्पक्ष जांच कर हमने कार्रवाई करने की मांग की है.

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