भभुआ सदर. पुलिस की लापरवाही से शहर में बाइक चोरी की घटनाएं निरंतर जारी है. शहर के राजेंद्र सरोवर पर देर शाम आठ बजे टहलने निकले एक युवक की बाइक महज 20 मिनट के अंदर ही शातिर चोर उड़ा ले गये. बाइक चोरी की यह घटना 21 तारीख की है. इस संबंध में वार्ड 22 निवासी स्व नबीजान अंसारी के बेटे मो अनीस ने सदर थाने में आवेदन देकर बताया है कि वह 21 तारीख को देर शाम आठ बजे अपनी दुकान से बाइक द्वारा राजेंद्र सरोवर पार्क में टहलने के लिए गया था. गाड़ी उसने पार्क के गेट पर ही लॉक कर दी थी. पुनः आठ बजकर 20 मिनट पर जब वह टहल कर वापस आया, तो गेट पर से उसकी बाइक गायब थी. इस दौरान उसने काफी खोजबीन की, लेकिन उसकी बाइक का कहीं पता नही चला. दरअसल, शहर में कचहरी गेट और सदर अस्पताल में पुलिस की सुरक्षा सख्त होने के बाद अब शहर के अन्य जगह शातिर बाइक चोरों के निगाह पर है. क्योंकि, इन जगहों पर सुरक्षा सख्त होने की वजह से पिछले 20 दिनों के अंदर शहर के एडीबी बैंक, अनुमंडल कार्यालय और शहर के सबसे सुरक्षित माने जानेवाले जिला समाहरणालय से बाइक की चोरी हो चुकी है. पिछले एक अगस्त को भी शहर के एडीबी बैंक परिसर से झेंगई डिहरा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक व उजारी सिकठी गांव निवासी अयूब खान की बाइक ले उड़े. जबकि, आठ अगस्त को भी अनुमंडल कार्यालय में डीसीएलआर के यहां बैठक में पहुंचे भभुआ प्रखंड के मनिहारी व रूपपुर पंचायत के राजस्व कर्मचारी मुलायम सिंह यादव की बाइक चोर ले उड़े थे. साथ ही नौ अगस्त को भी जिला समाहरणालय में आयोजित जिलाधिकारी की बैठक में शामिल होने आये पंचायती राज के तकनीकी सहायक सह कनीय अभियंता राजेश प्रजापति की बाइक जिला उपभोक्ता संरक्षण कार्यालय के बाहर से शातिर चोर उड़ा ले गये थे. हालांकि, समाहरणालय से चोरी गये तकनीकी सहायक के बाइक की पुलिस द्वारा बरामदगी की सूचना है. = बाइक चोरी की घटनाओं पर नहीं लग पा रही लगाम गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से शहर के भीड़भाड़ वाले कचहरी गेट और सदर अस्पताल के पार्किंग से दर्जन भर से अधिक बाइक की चोरी हो चुकी है. बाइक चोरी की घटनाओं के उद्भेदन में जब पुलिस की किरकिरी होने लगी और शातिर बाइक चोर पकड़े नहीं जा सके, तो इन स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गयी. सुरक्षा सख्त होने के बाद शातिर बाइक चोर अब अन्य जगहों को निशाना बनाने लगे हैं. = खुफिया तंत्र कमजोर, तकनीकी सेल के भरोसे पुलिस दरअसल ,एक समय था कि किसी भी आपराधिक घटनाओं पर पुलिस मुखबिरों के सहारे कार्रवाई करती थी और समय पर मदद ली जा सके इसको लेकर सभी थानों में मुखबिरों की सूची भी होती थी. लेकिन, इन दिनों पुलिस ऐसे लोगों से दूर हो गये हैं और भौतिकवादी युग में हाईटेक हुई पुलिस ने मुखबिरों से अपना वास्ता रखना भी छोड़ दिया है. यही कारण है कि लोकल स्तर पर अपराध की योजना बनाने वाले अपराधियों तक पुलिस आसानी से नहीं पहुंच पा रही है. अब पुलिस खुफिया तंत्र की जगह तकनीकी सेल के भरोसे चल रही है और सर्विलांस ट्रैकिंग व सीसीटीवी सिस्टम आदि पर निर्भर हो गयी है. मोबाइल टावर लोकेशन, सीडीआर और सीसी कैमरे के फुटेज को ही पुलिस अब अपना मुखबिर मान बैठी है, जिस मामले में तकनीकी सेल से मदद नहीं मिल पाती है. इसमें पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पाती है. इधर, अब अपराधी भी तकनीकी सेल से अवगत हो चुके हैं. यही कारण है कि मोबाइल लोकेशन, सिम का इस्तेमाल, सीसीटीवी कैमरा से बचने के उपाय आदि की जानकारी अपराधियों ने हासिल कर ली है, जिससे पुलिसिया तंत्र अपराधियों तक पहुंच पाने में नाकाम साबित होने लगी है. = जल्द पुलिस करेगी खुलासा शहर में हो रही बाइक चोरी की घटनाओं पर सदर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि पुलिस लगातार बाइक चोरों की गिरफ्तारी में लगी है. कुछ सफलता हाथ लगी है, जिसे लेकर जल्द ही खुलासा किया जायेगा.
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