भभुआ. पैक्सों के सशक्तीकरण के दिशा में अब पैक्स समितियों को डिजिटल बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. प्रथम चरण में जिले की 119 पैक्स समितियों को नाबार्ड से कंप्यूटर्स और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये जा रहे हैं. गौरतलब है कि अब कम्प्यूटराइज्ड हो जाने से जहां एक तरफ पैक्सों के हिसाब किताब में होने वाली त्रुटियों पर रोक लगेगी. वहीं, पैक्सों के माध्यम से खरीदे जाने वाले धान, बेचे जाने वाले खाद और बीज के व्यापार में भी हेराफेरी पर लगाम लग सकेगी. कंम्प्यूटर के एक क्लिक पर पैक्सों की सारी जानकारी सामने आ जायेगी और पैक्सों के कामकाज में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा. जिला सहकारिता पदाधिकारी नयन प्रकाश ने बताया कि कंप्यूटराइजेशन के बाद पैक्सों की मॉनिटरिंग आसान हो जायेगी. पैक्सों के सदस्यों का डाटा तैयार करने में मदद मिलेगी. साथ ही सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसानों के जमीन के डाटा के साथ उत्पादन का आंकड़ा भी तैयार करने में सरकार को मदद मिलेगी. इससे किसानों को समय पर उचित समर्थन मूल्य दिलाने में आसानी होगी. पैक्सों के कंप्यूटरीकरण के बाद उनके साफ्टवेयर को सहकारी बैंकों से जोड़ दिया जायेगा. प्रथम चरण में 119 पैक्सों को कंप्यूटर सेट दिया जा रहा है. दूसरे चरण में शेष पैक्सों को भी कंम्प्यूटराइज किया जायेगा. पैक्सों के विकास में कंप्यूटरीकरण एक महत्वपूर्ण कडी साबित होने वाली है. इसके बाद जहां पैक्सों के दक्षता में बेहतर सुधार आयेगा. वहीं, पैक्स समितियों से जुड़े किसानों को भी किसी तरह का आवेदन ऑनलाइन कराने या किसी तरह के प्रमाणपत्र बनवाने के लिए साइबर कैफे जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उनके पंचायत और उनके गांव में ही उनकी डिजिटल आवश्यकताओं की पूर्ति हो जायेगी. गौरतलब है कि आज की तारीख में अधिकांश गांवों में बिजली की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गयी है. ऐसे में कंप्यूटरों के संचालन में भी विद्युत व्यवस्था आड़े आने की संभावना कम होगी. इन कंप्यूटरों को पैक्सों के कार्यालय पर लगाया जायेगा, जिन पैक्सों के कार्यालय नहीं हैं, उनके गोदाम पर कंप्यूटर चलाये जायेंगे. इन्सेट 1 पैक्स प्रबंधकों को कंप्यूटर चलाने का दिया जायेगा प्रशिक्षण भभुआ. पैक्सों को किये जा रहे कंप्यूटराइजेशन के बाद उक्त पैक्सों के कंप्यूटर सिस्टम को चलाने के लिए प्रबंधकों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. यह प्रशिक्षण जिला स्तर पर कंप्यूटर ऑपरेटरों द्वारा दिया जायेगा. प्रशिक्षण प्राप्त करने से जहां प्रबंधकों की डिजिटल जानकारी बढ़ेगी, वहीं किसानों को भी फायदा होगा. जिला सहकारिता पदाधिकारी नयन प्रकाश ने बताया कि कंप्यूटराइज किये जाने वाली पैक्सों के प्रबंधकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करायी जायेगी. ताकि खरीफ के सीजन में पैक्सों की कार्य प्रणाली पूरी तरह डिजिटल बनायी जा सके. जानकारी के अनुसार एक पैक्स के कंप्यूटराइजेशन पर सरकार लगभग एक लाख रुपये खर्च कर रही है. इन्सेट जहाज व रेल टिकट के साथ दूध, मछली और दवा भी बेचेगी पैक्स भभुआ. सरकार से समृद्धि योजना में पंचायतों में बहुउद्देशीय पैक्सों को भी क्रियाशिल कराया जायेगा. इसके तहत पैक्सों को आर्थिक रूप से सशक्त बना कर ग्रामीणों को विभिन्न तरह की सुविधाएं प्रदान करायी जायेगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी नयन प्रकाश ने बताया कि पैक्सों में अब कॉमन सर्विस सेंटर खोले जायेंगे. इसके माध्यम से ग्रामीणों को बैकिंग सेवाएं, रेल टिकट, जहाज टिकट आदि सहित कई इ-सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी. नागरिकों को सस्ती दर पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र भी चयनित पैक्सों में खोले जायेंगे. उन्होंने बताया कि अब सरकार से समृद्धि योजना का उद्देश्य पंचायत के विभिन्न गांवों में सहकारी समितियों के माध्यम से विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. फिलहाल इस योजना के तहत गांवों में दुग्ध डेयरी और मछली पालन का क्रियान्वयन कराने के लिए दूध डेयरी चलाने और मछली पालन करने के लिए सहकारी समितियों के गठन को ले जिला स्तरीय प्रक्रिया आरंभ करायी जा रही है. गौरतलब है कि कुछ वर्षों से कई समितियों द्वारा किसानों को उर्वरक भी उपलब्ध करायी जा रही है.
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