कटिहार. डीएस कॉलेज के बीसीए विभाग में एआईसीटीई के गाइडलाइन को ताक पर रखकर संचालन किया जा रहा है. सेंट्रलाइज नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद भी इस वर्ष डीएस कॉलेज बीसीए में 60 सीटों पर 32 विद्यार्थियों का नामांकन हो पाया है. स्मार्ट क्लास, लैंग्वेज लैब की व्यवस्था नहीं होने के कारण नामांकित छात्र छात्राओं के बीच पठन पाठन को लेकर चिंता का विषय बरकरार है. दूसरी ओर आउटसोसिंग पर कार्यरत शिक्षकों को चार से छह हजार रूपये उपलब्ध कराने पर चिंता जाहिर की गयी है. बीसीए में कार्यरत कई शिक्षकों का कहना है कि एआइसीटी गाइडलाइन के अनुसार 25 हजार रुपये भुगतान करने का प्रावधान है. लेकिन उनलोगों को महज बीस क्लास के नाम पर चार से छह हजार रुपये प्रतिमाह उपलब्ध कराये जाने के कारण परिवार चलाना मुश्किल साबित हो रहा है. मालूम हो कि 2007 से डीएस कॉलेज में बीसीए का संचालन हो रहा है. इससे पूर्व विवि स्तर से सेंट्रलाइज नामांकन प्रक्रिया के दौरान औसतन प्रतिवर्ष 40 से 42 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो रहा था. शिक्षकों के द्वारा यह भी बताया गया कि इस वर्ष नामांकन प्रक्रिया विलंब से शुरू होने की वजह से इस वर्ष 32 का नामांकन होना बताया गया. उनलोगों ने बताया कि जब बीसीए का वर्ग संचालन किया जाना था. उस समय तक नामांकन ही लिया गया. उनलोगों ने बताया कि पहले एआईसीटीई से अप्रूवल मिलने में देरी और उसके बाद प्रथम चरण के तहत नामांकन के लिए 20 से तीस अगस्त का समय निर्धारित किया गया. उसके बाद समय बढाकर 9 सितंबर कर दिया गया. जबकि जुलाई माह से वर्ग संचालन का समय निर्धारित रहता है.
स्मार्ट क्लास लैंग्वेज लैब नहीं रहने से छात्र को परेशानी
देर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने की वजह से छात्र- छात्राओं का नामांकन कम हो पाया है. स्मार्ट क्लास प्रोजेक्टर वाला बीसीए में उपलब्ध है. लैंग्वेज लैब के लिए कॉलेज प्रशासन को पत्राचार किया गया है. शिक्षकों को पर क्लास 350 रुपये की दर से कुल 52 क्लास के रूप में मानदेय उपलब्ध कराया जा रहा है. छात्रों को समुचित संसाधन मिल सके इसको लेकर लगातार प्रयास की जाती है.
डॉ विपाशा राहा, को-ऑर्डिनेटर, डीएस कॉलेज बीसीएडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है