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विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में सदर अस्पताल का आईसीयू हाथी दांत साबित हो रहा

आईसीयू की सुविधा नहीं मिलने से परिजनों को होती है परेशानी

कटिहार. सदर अस्पताल में विभाग के निर्देश के आलोक में आईसीयू सेवा तो बहाल कर दी गयी है. पर आईसीयू में गंभीर मरीजों के वेंटीलेटर की सेवा देने में स्वास्थ्य विभाग असमर्थ है. गंभीर अवस्था में मरीज को जब वेंटीलेटर की जरूरत पड़ेगी तो उन्हें हायर सेंटर रेफर करने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं है. सदर अस्पताल में आईसीयू संसाधन मौजूद है. उनके लिए बशर्ते एक भवन भी निर्मित है. हाल में राज्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सदर अस्पताल की आईसीयू सेवा बहाल करने को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया था. जिसके आलोक में जिला स्वास्थ्य विभाग ने आनन फानन में आईसीयू सेवा तो बहाल कर दी. लेकिन आईसीयू में गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर को सेवा दे सके इसको लेकर सदर अस्पताल का आईसीयू तैयार नहीं है. आईसीयू में कुल छह वेंटीलेटर मौजूद है. जहां पर एक साथ गंभीर छह मरीज का इलाज हो सकता है. लेकिन सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण सभी उपकरण मरीज को सेवा देने में बेकार है. फिलहाल निर्देश के आलोक में आईसीयू सेवा तो बहाल कर दी गई है लेकिन आईसीयू में गंभीर मरीज के शुरुआती स्टेज पर उसका इलाज आईसीयू में संभव है. लेकिन जब मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ेगी जब उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी उसके लिए आईसीयू कंप्लीट नहीं है. उन्हें हायर सेंटर ही रेफर करना होगा. इस संदर्भ में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आशा शरण ने बताया कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की घोर कमी है. इसको लेकर विभाग को हमेशा पत्राचार करते रहे हैं. लेकिन डॉक्टरों की कमी को पूरा नहीं किया जा सका है. उपाधीक्षक ने बताया कि आईसीयू में वेंटिलेटर सेवा को बहाल करने के लिए एक्सपर्ट की आवश्यकता होगी. इसके लिए एमडी फिजिशियन, एनएस्थीस्ट तथा एक्सपर्ट कर्मी की आवश्यकता है. जो आईसीयू को पूरी तरह से रन कर सके. जो अभी सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में कुल अभी 31 डॉक्टर मौजूद है. जिसमें चार आयुष डॉक्टर है. एक डेंटिस्ट डॉक्टर है. इसमें से चार डॉक्टर को प्रशासक के रूप में पदभार सौंपा गया है. इस नाते सदर अस्पताल में मात्र 22 डॉक्टर के ही भरोसे मरीज का इलाज हो रहा है. इसमें से ओपीडी, इमरजेंसी, गायनो, मदर चाइल्ड, एसएनसीयू विभाग, पोस्टमार्टम, सभी जगह सेवा देनी पड़ रही है. इसके अलावा सिविल कोर्ट, कारागार यहां पर भी डॉक्टरों की मांग को पूरा करना है. इस सभी के अतिरिक्त दिव्यांगों के मेडिकल कैंप में भी डॉक्टरों की नियुक्ति कर मेडिकल कैंप मैं मरीजों की जांच करनी है. सदस्य अस्पताल में 24 घंटा सेवा देने में ऐसे में सदर अस्पताल में डॉक्टरों की घोर कमी से जूझ रहा है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था को किस तरह से मैनेज कर चलाया जा रहा है.

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