कटिहार. बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के निर्देशानुसार जिला एड्स बचाव व नियंत्रण इकाई कटिहार की ओर से 100 आरपीएफ के पदाधिकारियों व जवानों के साथ सोमवार को एक दिवसीय एचआइवी एड्स एवं एसटीआइ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. सदर अस्पताल सभागार में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ जेपी सिंह, सीडीओ डॉ अशरफ रिजवी, प्रभारी डीआइओ डॉ एस सरकार, आरपीएफ इंस्पेक्टर, रेलवे अस्पताल के डॉ एएन मिश्रा व एचआईवी विभाग के डीपीएम शोनिक प्रकाश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. सर्वप्रथम डीपीएम शोनिक प्रकाश के द्वारा सभी प्रतिभागियों को एचआईवी और एड्स के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी. एचआईवी और एड्स में क्या अंतर होता है. इसके बारे में बताया गया. साथ ही आरपीएफ को इस कार्यक्रम से क्यों जोड़ा गया. इसके बारे में भी विस्तृत रूप सभी को जानकारी दी. बताया गया कि रेलवे परिसर को फीमेल सेक्स वर्कर एमएसएम और इंजेक्टबल ड्रग यूजर अपना कार्य के लिए इस्तेमाल करते हैं. रेलवे परिसर में यदि कोई इस तरह के कार्य में पाया जाता है तो उसका मेडिकल जरूर करायें और एचआइवी टेस्ट अति आवश्यक रूप से करायें. अधिक जानकारी और जागरूकता को लेकर सभी प्रतिभागी को एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाया गया. पीपीटीसीटी काउंसलर डॉ आभा कुमारी ने आईसीटीसी सेंटर और पीपीटीसीटी एवम एआरटी सेंटर एचआईवी मरीजों के लिए कैसे काम करता है. इसके बारे में जानकारी दी. काउंसलर मीनू कुमारी ने एसटीआई के लक्षण और उपचार के बारे में सभी को बताया. डीआईएस मिथिलेश कुमार ठाकुर ने एचआईवी के बारे में जानकारी देते हुए बताया की पहला केस भारत में कब आया. बिहार और कटिहार में कब पॉजिटिव मरीज मिले. साथ ही एचआईवी व एड्स संबंधित कटिहार में कौन कौन सी सेवा उपलब्ध है. सीडीओ डॉ अशरफ रिजवी ने टीबी और एचआईवी के बारे में भी विस्तृत रूप से जानकारी दिया. अंत में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ जेपी सिंह ने सभी कार्यक्रम में भाग लेने वाले को धन्यवाद देते हुए कहा की एड्स कोई छुआछूत बीमारी नहीं है. इससे डरें नहीं और इसके बारे में सही जानकारी रखे तो एचआईवी एड्स से बचा जा सकता है.
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