15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Katihar news : धान-गेहूं के साथ मोटे अनाज उपजाएंगे किसान, विभाग दे रहा बढ़ावा

मोटे अनाज में मड़ुवा, ज्वार, बाजरा, कोदो, सामा, चीना की खेती से किसानों की न केवल आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि लोगों में कई बीमारियों से लड़ने की झमता भी विकसित होगी.

Katihar news : जिले के किसान अब केवल धान, गेहूं की खेती पर निर्भर नहीं रहेंगे. विपरीत परिस्थितियों व विपरीत जलवायु में भी सीमांचल की जमीन पर मोटे अनाज की खेती अब किसान कर सकेंगे. मोटे अनाज में मड़ुवा, ज्वार, बाजरा, कोदो, सामा, चीना की खेती से किसानों की न केवल आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि लोगों में कई बीमारियों से लड़ने की झमता भी विकसित होगी. सरकार भी मोटे अनाज के बड़े पैमाने पर उत्पादन पर जोर दे रही है. कृषि विभाग भी किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए बढ़ावा दे रहा है. वित्तीय वर्ष 2024 के लिए जून से सितंबर में होनेवाली मक्के की खेती के लिए विभाग ने करीब 5500 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया है. इसको करीब 98 कलस्टर में बांट कर खेती करनी है. विभाग इसे आच्छादित कर करीब इतने ही किसानों को बीज वितरित करेगा. इसके मद में अनुदान भी दिये जाने की बात कही जा रही है. शंकर मक्का प्रत्यक्षण करीब 2445 एकड़ कलस्टरवाइज करना है. इसके लिए पहली बार मोबाइल एप डेवलप किया गया है. कलस्टर बनाने से लेकर बुआई-कटाई तक सभी डिटेल्स की इंट्री एप पर करनी होगी. विभागीय कर्मियों की मानें, तो एक कलस्टर पर एक नोडल पदाधिकारी, समन्वयक, एटीएम, बीटीएम, बीचओ, एसईओ होंगे. अनुदानित दर पर शंकर मक्का बीज वितरित करना है. करीब 50 प्रतिशत अनुदान पर 110 क्विंटल का लक्ष्य दिया गया है. इसे भी कलस्टर वाइज करवाना है.

ज्वार प्रत्यक्षण के लिए 110 एकड़ का दिया गया है लक्ष्य

विभाग द्वारा लक्ष्य निर्धारित कर किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए बढ़ावा दिया जाएगा. ऐसा विभाग के कर्मियों व पदाधिकारियों का कहना है. ज्वार प्रत्यक्षण के लक्ष्य को लेकर 110 एकड़, बाजरा प्रत्यक्षण के लिए 425 एकड़, मड़ुवा के लिए 420 एकड़, कोदो, सामा, चीना के लिए करीब 2160 एकड़ की खेती करने के लिए लक्ष्य दिया गया है. एक राजस्व ग्राम में करीब 25 एकड़ का लक्ष्य निधारित है.

ऊंची जगहों पर होती है मोटे अनाज की खेती

किसानों की मानें, तो विभाग द्वारा दिया गया लक्ष्य कठिन है, लेकिन इसकी उपज से किसानों की आय में वृद्धि होगी और लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा. ज्वार, बाजरा, कोदो, सामा, चीना ऊंची जगहों पर अधिक होता है. इसके लिए जलवायु व मिट्टी उत्तर बिहार के लिए उचित है. अब बाढ़ग्रस्त इलाके में इसकी खेती से किसानों के दिन बहुरेंगे.

किसानों को किया जा रहा जागरूक

कटिहार के जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि जिले को दिये गये लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के लिए विभागीय पदाधिकारियों को दायित्व दिया गया है. किसानों को मोटे अनाज की खेती के एवज में अच्छा अनुदान निर्धारित है. कृषि विभाग के सभी संभागों को मिलजुल कर राज्य स्तर से दिये गये लक्ष्य को पूरा करना है. इसको लेकर किसानों के बीच संगोष्ठी व इससे संबंधित जानकारी दिये जाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. मोटे अनाज के कई लाभ हैं. सरकार का भी निर्देश है कि मोटे अनाज का प्रमुखता से उत्पादन किया जाये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें