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मेरिट लिस्ट में बिना नाम आये नामांकन का प्रलोभन देने वाला बिचौलिया धराया

केबी झा कॉलेज के सामने कैफे में आये छात्राओं से 4500 रुपये में नामांकन का दे रहा था लोभ

कटिहार. पूर्णिया विवि द्वारा पार्ट वन प्रथम सेमेस्टर 2024-28 में नामांकन को लेकर जारी मेरिट लिस्ट की अनदेखी हो रही है. पूर्णिया विवि प्रशासन द्वारा बिना आरक्षण रोस्टर, बिना प्राप्तांक व कुल अंक दर्शाये मेरिट लिस्ट के आधार पर नामांकन निष्पक्ष रूप से दावा किया जा रहा है. पीयू के एक पदाधिकारी का सोमवार को एक छात्र का कम अंक रहने के बाद अभिभावकों से कैफै से डील करा नामांकन करा लिये जाने सलाह सच निकली. अधिक अंक वाले छात्र-छात्राएं नामांकन को लेकर कॉलेज से लेकर विवि तक चक्कर लगा रहे हैं. कैफे, कॉलेज से लेकर विवि स्तर पर नामांकन के लिए मोटी रकम लेकर छात्रों का आर्थिक दोहन कर रहे हैं. इसका खुलासा मंगलवार को तब हुआ जब केबी झा कॉलेज के सामने एक कैफे में कार्यरत बिचौलिया कुछ छात्राओं से नामांकन के मद में 4500 रुपये लेकर अर्थशास्त्र में मेरिट लिस्ट में बिना नाम आये नामांकन का लोभ दे रहा था. लेकिन हुआ उल्टा छात्राओं के बिछाये जाल में अभिषेक नामक एक बिचौलिया ही फंस गया. एनएसयूआइ के अमित पासवान समेत अन्य ने उसे केबी झा कॉलेज के तीन नंबर रूम में दो घंटे तक बंधक बनाया, जहां उसके द्वारा कैफे, कॉलेज व विवि स्तर पर नामांकन के मद में ली जाने वाली रकम को सार्वजनिक कर दिया. बताया गया कि कैफे में 45 सौ रुपये, कॉलेज में दो हजार एवं विवि स्तर पर छह हजार रुपये लेकर रोस्टर में बिना नाम आये ही नामांकन ले लिया जा रहा है. यह कैसे हो रहा है. इससे पर्दा उठाने में वह नाकाम रहा. करीब दो घंटे के बाद कॉलेज में बंधक बनाये दलाल को कर्मचारी से लेकर अन्य छात्र संगठनों के सदस्यों ने भी यह कहकर छुड़वाने पर आतुर हो गये कि कॉलेज से लेकर पीयू यूएमआइएस व कर्मचारी से लेकर पदाधिकारी तक की नामांकन के मद में चल रहे बाजार में संलिप्ता है. नामांकन के लिए जारी मेरिट लिस्ट की जांच हो जाये सच सामने आ पायेगा.

कुलाधिपति से नामांकन मेरिट लिस्ट की मांग की

अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विक्रांत सिंह ने नामांकन को जारी मेरिट लिस्ट पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने बताया कि बिना आरक्षण रोस्टरवाइज, प्राप्तांक अंक, बिना कुल अंक व बिना तय मेधा अंक के मेरिट लिस्ट जारी कर कोरम पूरा किया गया है. नामांकन के पीछे करोड़ों का व्यापार चल रहा है. करीब बीस हजार डाटा को छात्रों के साथ आर्थिक दोहन के लिए ही डिलीट किया गया था. उन्होंने बताया कि कुलाधिपति सह राज्यपाल से इस मामले में आवेदन देकर मेरिट लिस्ट की जांच को लेकर मांग किया जायेगा.

वर्षों से हो रहा सीमांचल के छात्रों का आर्थिक दोहन

एनएसयूआइ के छात्र जिलाध्यक्ष अमित पासवान ने बताया कि नामांकन के नाम पर छात्रों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है. परीक्षा के बाद रिजल्ट में अधिक संख्या में पेंडिंग, प्रमोटेड के नाम पर छात्रों से मोटी रकम वसूली जा रही है. इतना ही नहीं त्रुटि सुधार के नाम पर भी राशि ली जा रही है. सीमांचल बाढ़ग्रस्त रहने के कारण यहां के लोग आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं. किसी तरह खेती मजदूरी कर अपने बच्चे को उच्च शिक्षा के नाम पर खर्च करते हैं. विवि स्तर पर नामांकन के नाम पर चल रहे व्यापार पर रोक लगाने के बाद ही व्यवस्था में सुधार होगा.

कहते हैं मीडिया प्रभारी

विवि स्तर पर नामांकन मद में राशि वसूलने की बात मानने योग्य नहीं है. अगर किसी के द्वारा ऐसा कहा जा रहा है तो उसकी भर्त्सना करता हूं. जब तक साक्ष्य नहीं उपलब्ध हो जाता अधिकारियों पर शक नहीं किया जा सकता. नामांकन मेरिट लिस्ट के आधार पर स्वच्छ वातावरण में चल रहा है. दो दिनों में एक सौ बच्चों ने विषय व महाविद्यालय के नाम का एडिट कर नामांकन कराया. विवि स्तर पर नामांकन के लिए राशि ली जा रही है. इसकी कोई नहीं जानकारी नहीं है.

डॉ अंजनी मिश्रा, प्रॉक्टर सह मीडिया प्रभारी, पीयू.

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