चिकित्सक की नियुक्ति नहीं, अक्सर रहता है बंद
प्रतिनिधि, आबादपुरग्रामीण स्तर पर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पंचायत स्तर पर करोड़ों की लागत से हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर की स्थपना की है. बारसोई प्रखंड स्थित शिवानंदपुर पंचायत में भी एचडब्ल्यूसी शिवानंदपुर की स्थपना की गयी है. पर यहां किसी चिकित्सक की नियुक्ति नहीं होने से तथा अक्सर तालाबंद रहने से यह एचडब्ल्यूसी अब धीरे-धीरे जानवरों का चारागाह बनता जा रहा है.गौरतलब हो कि यहां आस-पास के हजारों ग्रामवासियों में उक्त स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण को लेकर एक आस जगी थी. उन्हें अब इलाज के दर- दर भटकना नहीं पड़ेगा. कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा. प्राइवेट नर्सिंग होम के शोषण का शिकार नहीं होना पड़ेगा. ग्रामीण स्तर पर ही उन्हें मुफ्त चिकित्सकीय सुविधा मयस्सर हो जायेगी. पर निर्माण व उद्घाटन के दो महीने गुजर जाने के बाद भी इस हेल्थ सेंटर के सुचारू रूप से चालू नहीं रहने से तथा स्वास्थ्य सुविधा बहाल नहीं होने से यहां लोगों में अत्यधिक निराशा छाई हुई है. मामले में यूं कहें कि सरकार के स्वस्थ समाज के निर्माण का सपना धरातल पर नहीं उतरने के चलते यहां क्षेत्र के लगभग बीस हजार ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग को लेकर बड़ी नाराजगी देखी जा रही है. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उक्त एचडब्ल्यूसी में मरीजों के उपचार के लिए लाखों की दवा भरी हुई है. पर तालाबंद रहने से तथा चिकित्सक की नियुक्ति नहीं होने से ये दवा भी अब एक्सपायर होने के कगार पर है.
कहते हैं पंचायत के मुखिया
पंचायत के मुखिया नियाज अंसारी ने बताया कि अगर यह हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर सुचारू रूप से चालू हो जाता तो यहां आस पास दर्जनों गांवों के लगभग बीस हजार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मयस्सर हो जाती. यहां के गरीब गुरबों को प्राइवेट नर्सिंग होम का रुख नहीं करना पड़ता. अपनी मेहनत की कमाई को महंगे प्राइवेट चिकित्सकों को देने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है