कोढ़ा. कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत दिघरी पंचायत के वार्ड पांच में एक ग्रामीण चिकित्सक द्वारा जहर खाये व्यक्ति की इलाज करने के कारण मौत हो गयी. मामले में मृतक के परिजनों ने ग्रामीण चिकित्सा पर गलत तरीके से इलाज करने का आरोप लगाया है. मृतक की पहचान गांव के कुमोद ऋषि उम्र 38 वर्ष के रूप में की गयी है. कुमोद की मां संजो देवी ने बताया कि मेरा पुत्र कीटनाशक दवा पी लिया था, जिसकी जानकारी मेरी बहू ने मुझे दी. इसके बाद बहू के साथ पुत्र को लेकर ग्रामीण चिकित्सक बीके मंडल दिघरी वार्ड पांच के पास इलाज कराने पहुंची, जहां चिकित्सा ने बेटे की जान बचाने के लिए 40 हजार रुपये की मांग की. इसके बाद राशि जमा करने बाद मेरे पुत्र का इलाज शुरू किया. इलाज के दौरान दो दिनों तक मेरे पुत्र को चिकित्सक ने अपने पास रखा. मेरे पुत्र की स्थिति बिगड़ते देख चिकित्सक ने कहा की मेरे पास मशीन छोटा है. आनन-फानन में एंबुलेंस बुलाकर कटिहार सदर अस्पताल भेज दिया, जहां उनकी स्थिति को गंभीर हालत को देखते हुए वहां के चिकित्सक ने सिरसा मेडिकल कॉलेज भेजा, जहां उनकी मौत हो गयी. मृतक की पत्नी ने लगाये कई गंभीर आरोप कुमोद की पत्नी अनिता देवी ने आरोप लगाया कि तथाकथित ग्रामीण चिकित्सक की लापरवाही से मेरे पति की स्थिति बिगड़ गयी. ससमय हायर सेंटर स्वास्थ्य केंद्र नहीं भेजा गया. अपने आप को डॉक्टर कहकर मेरे पति को बचाने के लिए दो दिन, दो रात रख कर गलत तरीके से इलाज किया. पति की स्थिति बिगड़ता देख उसने रेफर कर दिया, जहां मौत हो गयी. डॉक्टर ने 40 हजार रुपये में से 15 हजार रुपये घर आकर लौटाया. मामले को लेकर रफा-दफा करने को लेकर दबाव बनाया. कहते हैं ग्रामीण चिकित्सक मामले में ग्रामीण चिकित्सक बीके मंडल ने कहा कि कुमोद ऋषि जो की जहर खाया मेरे पास आया था, जिसका मैं इलाज आरंभ किया. हमें जहर खाया व्यक्ति का इलाज करने का अधिकार नहीं है. लेकिन 12 घंटे तक मैं उसकी जान बचाने का प्रयास किया. अन्य चिकित्सक से सलाह लेकर किडनी की भी जांच करवायी. रियर केस में जहर खाये रोगी को देखता हूं. उनकी जान बचाने के लिए कटिहार सदर अस्पताल मैंने भिजवा दिया. 40 हजार रुपये में से मैं दवाई का रख कर 17 हजार रुपये मृतक की मां को लौटा दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है