कोढ़ा. वक्त बदला…फिजा बदली… और दौर बदल गया, नहीं बदली तो चुरली घाट की तकदीर. आजादी के सात दशक बाद भी स्थानीय लोगों को बिनोदपुर पंचायत के चुरली घाट पर पुल निर्माण के सपने अधूरे रह गये है. आज भी चुरली घाट के दोनों तरफ निवास करने वाले लोग नाव या फिर जब कम पानी होता है. तो बांस के बने एक लंबी चचरी पुल पर इस पार से उसे पार और उस पार से इस पार आवागमन करते हैं. जो निश्चय ही जोखिम भरा है. कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के चुगली घाट नदी पर अधूरे पुल निर्माण कार्य से स्थानीय ग्रामीणों को आगमन करने में काफी परेशानी हो रही है. चुरलीघाट में नदी का पानी काफी भर गया है. जिसके कारण रजवाड़ा, रौतारा, बिनोदपुर पंचायत के लोगों को आवागमन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कोढ़ा व हसनगंज को आपस में जोड़ने वाली कारी कोसी नदी पर जब पुल निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था तो स्थानीय लोगों व मुसाफिरों में खुशियों का संचार हुआ था. लोग काफी खुश थे कि अब नदी पर पुल का निर्माण होने के बाद चचरी पुल होकर जोखिम भरा आवागमन से निजात मिलेगा. पर निर्माण अवधि पूर्ण होने के बावजूद भी पुल का निर्माण नहीं हो सका और अर्धनिर्मित पुल की भांति लोगों के अरमान भी अधूरे रह गये. हालांकि तकरीबन एक वर्ष पूर्व चुरली घाट में पुल निर्माण कार्य में देरी होने के कारण स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार व विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन भी किया था. बावजूद इसके पूर्व निर्माण की और गंभीरता से नहीं लिया गया. जब चुरली घाट में पानी कम था तो लोग मजबूरन चचरी पुल के माध्यम से हसनगंज रौतारा थाना समेत आदि स्थानों पर आवागमन करते थे. अब पानी काफी भर गया है. जिस कारण लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीणों का कहना था कि अगर सड़क मार्ग से जाने पर कोलासी मिरचाईबाड़ी होते हुए रौतारा थाना जाने में तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. अगर अर्धनिर्मित पुल का निर्माण पूरा कर दिया जाय तो यह 20 किलोमीटर की दूरी तीन किलोमीटर में ही सिमट जायेगी. स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार व विभाग शहर से लेकर गांव के मोहल्ले के गालियों तक सड़कों का जाल बिछाकर मुख्य मार्ग से जोड़ने की कार्य कर रही है. इस अर्धनिर्मित पुल का कार्य पूरा न कर पाना सरकार व विभाग के उदासीनता को दर्शाता है. पुल निर्माण कार्य में विलंब होता देख स्थानीय लोग व राहगीर मायूस होते हुए कहते है कि लगता है कि पुल के माध्यम से आवागमन करने का सपना शायद अधूरा ही रह जायेगा. वार्ड सदस्य बबलू, स्थानीय ग्रामीण मनोवर आलम, तसलीम, शाहजहां, तौकीर आलम आदि ने कहा कि अगर यहां जल्द से जल्द चुरली घाट पर पुल निर्माण कार्य नहीं कराया जाता है तो वे लोग सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे. गौरतलब हो की पिछले दो वर्षों से पुल निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. जिस कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. स्थानीय लोगों ने यथाशीघ्र पुल निर्माण की मांग की है.
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