कटिहार. शहर के ललियाही स्थित एक निजी भवन में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज बुनकर पान समाज के लोगों ने रविवार को स्वजातीय बैठक की. आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तांती तत्मा और बुनकर समाज को आरक्षण सूची से हटाये जाने के बाद फैसले से नाराज पान बुनकर समाज के लोगों ने अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. इसी को लेकर अखिल भारतीय पान महासंघ के जिला अध्यक्ष कैलाश दास की अगुवाई में बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इन जातियों के आरक्षण हटाये जाने के फैसले के विरुद्ध अपील दायर करने एवं सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करने को लेकर विचार विमर्श किया गया. इस मौके पर मौजूद जिला अध्यक्ष कैलाश दास ने कहा कि तांती, ततमा, दास हम लोगों का टाइटल है. यह जाति नहीं है. हम लोग मूल रूप से पान जाति के लोग हैं और हम अनुसूचित जाति में आते हैं. लंबी लड़ाई के बाद हमलोगों को आरक्षण का अधिकार मिला है. लेकिन नौ साल के बाद भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा हमसे हमारा आरक्षण छीन लिया गया है. जिसे हम लोग कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारा समाज अभी भी पिछड़ा हुआ है. मूल रूप से भूमिहीन और दैनिक मजदूरी करने वाले हम पान जातियों के लिए आरक्षण बेहद जरूरी है. संघ से जुड़े वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश प्रसाद ने कहा आरक्षण के लिए लड़ाई आर पार की होगी. सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेंगे. इस आंदोलन में जो भी कुर्बानी देनी होगी, हम कुर्बानी देंगे. लेकिन अपना अधिकार लेकर ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि यह समुदाय आज भी काफी पिछड़ा हुआ है. इसे मुख्य धारा में लाने के लिए आरक्षण जरूरी है. मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
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