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विभागीय अधिकारियों को नहीं दिया 12.5 प्रतिशत सेवा शुल्क, तो छीन लिया छात्र-छात्राओं का भोजन : प्रधानाध्यापक

विभागीय प्रताड़ना के कारण प्रधानाध्यापक हुए भावुक छलके आंखों से आंसू

आजमनगर. प्रखंड क्षेत्र के गोरखपुर पंचायत के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बालूगंज के प्रधानाध्यापक विनोद कुमार यादव एवं अन्य सहायक शिक्षकों पर मध्याह्न भोजन को लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश जताया है. उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बालूगंज के प्रधानाध्यापक विनोद कुमार यादव कई दिनों से लगातार छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन नहीं दे रहे हैं. समय से पहले ही सभी छात्र-छात्राओं की छुट्टी कर कर देते हैं. प्रधानाध्यापक मनमाने ढंग से विद्यालय का संचालन को देख ग्रामीणों में आक्रोश पनपने लगा. इसके बाद छात्र-छात्राओं के साथ विद्यालय के अध्यक्ष सलाउद्दीन प्रधानाध्यापक के कार्यालय में पहुंचकर वास्तविकता को जानने की कोशिश की. इसके बाद कई मामले खुलकर सामने आ गये. पूछताछ के दौरान प्रधानाध्यापक विनोद कुमार यादव ने बताया कि विद्यालय में पिछले दो-तीन दिनों से मध्याह्न भोजन बच्चों को नहीं दिया जा रहा है. इसके पीछे की कहानी बड़ी लंबी और विचलित करने वाली है. यह कहते हुए भावुक हो गये. आंखों में आंसू लिए प्रधानाध्यापक ने कहा कि एमडीएम प्रभारी को 12.5 प्रतिशत पीसी देने से मना करने पर हमारे विद्यालय के खर्च का पैसा रोक दिया गया है. यही कारण है कि विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या 150 होने पर आधिकारिक वेबसाइट पर 300 से अधिक बच्चों की उपस्थिति दिखाना पड़ता है. क्योंकि विद्यालय भ्रमण पर आये अधिकारियों को सेवा शुल्क देना पड़ता है. जिसका विरोध करने पर पिछले तीन महीने से हम अपने वेतन के पैसों से मध्याह्न भोजन के लिए प्रयुक्त सामग्री को खरीद रहे हैं. विद्यालय के मेंटेनेंस का खर्च भी अपनी जेब से चला रहे हैं. खर्च से तंग आकर हमने मध्याह्न भोजन बंद करवा दिया है. इसके लिए शिक्षा विभाग हमें निलंबित भी कर दें तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. वहीं ग्रामीण सहित प्रधानाध्यापक ने सहायक शिक्षकों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सहायक शिक्षक बच्चों के पठन-पाठन पर ध्यान नहीं देते हैं. स्कूल आवर में लंच के नाम पर घंटों विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं. ग्रामीणों की सूचना पर प्रभात खबर टीम जब 1.30 बजे उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बालूगंज पहुंची तो देखा कि विद्यालय के सभी कक्षा कक्ष खाली है. बच्चे नदारत हैं. सभी सहायक शिक्षक आपस में बातचीत कर रहे हैं. लोगों को देखते ही सब इधर-उधर भागने लगे.

कहते हैं एमडीएम प्रभारी

एमडीएम प्रभारी जयजीव मंडल से दूरभाष पर संपर्क साधा गया तो उन्होंने बताया कि मेरे ऊपर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद है. मेरे द्वारा प्रत्येक माह पैसे भेज दिये जाते हैं, जो अकाउंट विद्यालय के नाम पर होता है. वहां से वेंडर के रूप में पैसे की निकासी की जाती है. यदि मध्याह्न भोजन बच्चों को नहीं खिलाया जा रहा है तो आखिर आधिकारिक वेबसाइट पर प्रधानाध्यापक द्वारा मध्याह्न भोजन का सुचारू रूप से संचालन कैसे कर रहे हैं. मामले में विभागीय अधिकारी को अवगत कराया जायेगा. मामले की जांच की जायेगी. दोषी पाये गये के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी.

कहते हैं बीइओ

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुधीर कुमार से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मध्याह्न भोजन की शिकायत हमें प्राप्त हुई है. जांच की जायेगी. जांच उपरांत आगे के कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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