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अगुवानी-सुलतानगंज निर्माणाधीन फोरलेन पुल का एक हिस्सा टूट कर गंगा नदी में गिरा

अगुवानी-सुलतानगंज निर्माणाधीन फोरलेन पुल का एक हिस्सा टूट कर गंगा नदी में गिरा

प्रतिनिधि, परबत्ता अगुवानी-सुल्तानगंज फोरलेन पुल का एक हिस्सा फिर शनिवार की सुबह गिरकर गंगा नदी की मुख्य धारा में समा गया. हालांकि घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. बताया जाता है कि तेज आवाज के साथ पिलर संख्या 9 के ऊपर रखे आधा दर्जन सेगमेंट गंगा नदी में जा गिरा. जिसके कारण लगभग 20 मीटर ऊंची पानी की लहरें देख लोग डर गये. इससे पहले बीते वर्ष 2023 के 4 जून को पिलर संख्या 9 से 12 तक के सभी सुपर एक्सट्रेक्चर पिलर सहित नदी में समा गए थे. जिसमें से पिलर संख्या 9 पर कुछ हिस्सा शेष रह गया था. उसके नीचे से लोहे के एंगल की सपोर्ट (सीसी कृप) लगी हुई थी. जो तेज बहाव के कारण शनिवार को वह भी ध्वस्त हो गई.

क्षतिग्रस्त हिस्सा नदी में गिरा – पुल निर्माण निगम

वहींं इस घटना के बाद बिहार राज्य पुल निगम निर्माण लिमिटेड द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी गई है कि ईपीसी मोड पर बन रहे पुल का बड़ा हिस्सा 4 जून 2023 को क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसमें जांच के क्रम में पाया गया कि इसके डिजाइन में गड़बड़ी है. इसके बाद निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला को निर्देश दिया गया था कि तत्काल प्रभाव से कम बनकर जो भी स्पेन और सेगमेंट बचे हुए हैं उसे हटाया जाए. इसी बीच पूर्व में क्षतिग्रस्त हुए भाग के शेष हिस्से जिसे हटाया जा रहा था, गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि एवं तेज बहाव होने के कारण शनिवार को क्षतिग्रस्त हो गया. यह भाग पूर्व के क्षतिग्रस्त भाग जिसे हटाया जाना था का एक हिस्सा था. जलस्तर बढ़ने की वजह से सभी काम बंद है. वहीं निर्माण एजेंसी को हाई कोट द्वारा यह आदेश दिया गया है पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को उसे अपने खर्चे पर बनाना है.

महत्वाकांक्षी है अगुवानी-सुलतानगंज फोरलेन पुल परियोजना

बिहार सरकार की इस परियोजना को काफी महत्वाकांक्षी माना जाता है. इस परियोजना की लागत का आरंभिक मूल्यांकन 1710.77 करोड़ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को परबत्ता केएमडी कॉलेज मैदान में इसका शिलान्यास किया था. 9 मार्च 2015 को मुरारका कॉलेज सुलतानगंज के मैदान से पुल निर्माण का कार्यारम्भ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया. इस पुल के निर्माण से उत्तर तथा दक्षिण बिहार के बीच का फासला काफी कम हो जायेगा. इसके अलावा प्रति वर्ष श्रावणी मेला में देवघर जाने वाले लाखों कांवरियों को आसानी होगी. इस पुल तथा सड़क के निर्माण से एन एच 31 तथा एन एच 80 आपस में जुड़ जाएंगे. लेकिन निर्माण शुरू होने के बाद शनिवार की सुबह तीसरी बार पुल का हिस्सा नदी में समा गया है.

अब तक तीन बार गिर चुका है निर्माणाधीन पुल

अगुवानी सुलतानगंज के बीच इस महासेतु का शिलान्यास 9 सितंबर 2015 में किया गया था. पुल की लंबाई 3.160 किलोमीटर है. मार्च 2020 तक इस महासेतु पर आवागमन शुरू करने का विभागीय निर्देश था. लेकिन 2019 की बाढ़ ने बाधा पहुंचाया और यह संभव नहीं हो सका. जिसके उपरांत विभाग ने 2021 तक महासेतु पर आवागमन चालू करने का लक्ष्य रखा है. विगत वर्ष कोरोना के कारण लॉक डाउन में भी कार्य कुछ बाधित रहा था. 2022 में घटना, दुर्घटना का भेंट चढ़ गया. अब दिसंबर 2022 का लक्ष्य रखा गया था. उसी बीच 30 अप्रैल को सिग्मेंट धराशायी हो गया. उसके बाद 2023 दिसंबर का लक्ष्य रखा गया था. पुन: 4 जून 2023 को पुल का कुछ हिस्सा जमींदोज हो गया था. अब शनिवार को एक बार फिर पुल का हिस्सा गंगा नदी में समा गया. लहरें उठी और शांत हो गयी लेकिन आम लोगों के दिलों में सवाल उमड़ रहे हैं.

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बॉक्स की खबर

चार दिन पहले पिलर संख्या नौ से टकरायी थी स्टीमर, छुपाई गई जानकारी

मिली जानकारी अनुसार अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच चलने वाले स्टीमर 13 अगस्त को पिलर संख्या 9 से टकरा गया था. 13 अगस्त को यह घटना उस समय हुई थी, जब सुल्तानगंज की ओर से स्टीमर अगुवानी की ओर जा रहा था. उसमें कुछ यात्री भी सवार थे. घाट पर मौजूद लोगों के माने तो यह घटना दोपहर में घटी थी. जिसके कारण लोगों का ध्यान उस ओर आकर्षित नहीं हो पाया था. स्टीमर टकराने की वजह से नीचे से लगे लोहे के सपोर्टिंग एरिया टेढ़ा हो गया था. जो पिछले 6 दिनों में तेज बहाव के कारण झुकता चला गया और स्थिति ये हुई की पिलर संख्या 9 पर बचे सुपर एक्सट्रैक्चर के सेगमेंट नीचे गिरकर गंगा में समा गया. ग्रामीणों की मानें उसकी बड़ी घटना होने से बच गया. यह भी जानकारी मिली है कि 3 दिन तक स्टीमर का लंगर वहीं रहा था. उसमें मौजूद यात्रियों को नव के माध्यम से किनारे लाया गया था.

भ्रष्टाचारी एजेंसी पर हो सख्त कार्रवाई : पूर्व सांसद

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केप्सन. चौधरी महबूब केसर अली, पूर्व सांसद खगड़िया

अगुवानी सुल्तानगंज पुल के स्ट्रक्चर तीसरी बार गिरने पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि बिहार में पुल गिरने का सिलसिला लगातार जारी है. अक्सर बिहार में पुल गिरने की खबरें सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि जब पहली बार यही पुल गिरा था तो उन्होंने मुख्यमंत्री से जाकर मुलाकात कर घटना से अवगत कराए थे. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं किया गया. फिर उसी को दुबारा पुल बनाने की जिम्मेदारी दे दी गई. उन्होंने पूरे मामले में भ्रष्टाचार में लिप्त एजेंसी पर कार्रवाई की मांग किया है.

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एसपी सिंगला कंपनी के अधिकारी पर दर्ज हो प्राथमिकी – जदयू विधायक

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केप्सन. संजीव कुमार, विधायक परबत्ता

गंगा नदी पर बन रहे पुल के सुपर स्ट्रक्चर गिरने की घटना के बाद परबत्ता से जदयू विधायक डा संजीव कुमार ने एसपी सिंगला कंपनी पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि वे पहले भी कह चुके हैं कि यह पुल गिरेगा. लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई. उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनी के अधिकारी पर केस होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी पर भी केस होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरा सिस्टम भ्रष्टाचार में लिप्त है. उन्होंने एक दो नेता के क्रियाकलाप पर भी सवाल उठाया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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