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अलौली में छापेमारी के बाद चारों फर्जी क्लिनिक पर प्राथमिकी दर्ज, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज

प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के आवेदन पर अलौली थाना कांड संख्या 352/24 दर्ज कर क्लिनिक संचालकों की तलाश में छापेमारी तेज

प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के आवेदन पर अलौली थाना कांड संख्या 352/24 दर्ज कर क्लिनिक संचालकों की तलाश में छापेमारी तेज खगड़िया. अलौली में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम की छापेमारी में बिना किसी वैद्य लाइसेंस संचालित फर्जी नर्सिंग होम पर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. अलौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनीष कुमार के आवेदन पर दर्ज थाना कांड संख्या 352/24 में चारों क्लिनिकों सहारा क्लिनिक, तलवन क्लिनिक, कामदेव डॉक्टर का क्लिनिक, बैजू दवा दुकान व क्लिनिक को नामजद किया गया है. नामजद क्लिनिकों में दो ऐसे हैं, जिन पर दिसंबर में भी फर्जीवाड़ा तरीके से क्लिनिक चलाने का खुलासा होने के बाद थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. प्रभात खबर में प्रकाशित समाचार शत प्रतिशत सच साबित तीन दिन पहले प्रभात खबर ने ””””””””प्राथमिकी में नामजद क्लिनिक व अल्ट्रासाउंड सेंटर फिर खुले”””””””” शीर्षक से खबर प्रकाशित कर जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया था. डीएम की कड़ाई के बाद अलौली पीएचसी प्रभारी व पुलिस की टीम ने बुधवार को चार जगहों पर पहुंची. जहां जहां छापेमारी टीम गयी, वह सभी फर्जी पाये गये. यहां इलाज के नाम पर मौत बांटने का पूरा इंतजाम था. मतलब शत-प्रतिशत फर्जीवाड़ा. बैजू क्लिनिक व सहारा क्लिनिक पर आठ महीने पहले भी दर्ज प्राथमिकी को अनुसंधान में सत्य करार दिया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर यहां कैसे गोरखधंधा चल रहा था या फिर आंखें मूंदने के लिए चढ़ावा मिल गया था ? वहीं स्वास्थ्य विभाग भी प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद दोबारा ध्यान क्यों नहीं दिया. अलौली पीएचसी व थाना से सटे दर्जन भर क्लिनिक व जांच घर संचालित आलम यह है कि अलौली थाना से लेकर सरकारी अस्पताल के आसपास आधा दर्जन फर्जी नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सेंटर अवैध तरीके से चलाया जा रहा है. बुधवार को भी यह खुला हुआ था लेकिन सूचना के बावजूद भी टीम ने मुख्यालय में चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर व क्लिनिक में छापेमारी नहीं की. यह चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि छापेमारी की भनक लगते ही मुख्यालय के सभी अवैध कारोबारी ताला बंद कर भाग निकले. छापेमारी से फर्जी क्लीनिक संचालकों सहित स्वास्थ्य माफियाओं में हड़कंप व्याप्त है. गुरूवार को भी मुख्यालय में संचालित एक नर्सिंग होम में अल्ट्रासाउंड होने की खबर है. बता दें कि फर्जी नर्सिंग होम और क्लीनिक चलाने वाले आम मरीजों के जान से खिलवाड़ करने में परहेज नहीं करते हैं और पैसों के लालच में वह उनकी जान तक भी ले लेते हैं. क्षेत्र में ऐसे कई कथित डॉक्टर हैं, जिनके पास न डिग्री है न लाइसेंस फिर भी वे खुलेआम मौत बांट रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर स्वास्थ्य विभाग व पुलिस किस्त में क्यों कार्रवाई कर रही है. आज चार, कल दो, परसो एक यही चल रहा है. मतलब साफ है. आखिर एक बार में अलोली के सभी फर्जी क्लिनिकों व जांच घरों पर छापेमारी कर क्यों नहीं कानूनी शिकंजे में लाया जाता. वैसे भी फर्जी अस्पताल व lसेंटर, पैथोलॉजी का अवैध कारोबार खगड़िया के सभी सातों प्रखंडों से लेकर कई गांवों तक में हो रहा है. दो चार पर कार्रवाई कर विभाग भी सो जा रहा है. इधर, इन फर्जी क्लिनिकों पर गरीब मरीजों के आर्थिक दोहन के साथ जिंदगी भी खतरे में डाला जा रहा है. बीते एक महीने के अंदर जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित फर्जी क्लिनिकों में इलाज के दौरान आधा दर्जन जानें चली गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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