21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वट सावित्रि पूजा आज, सुहागिन महिलाएं करेगी पूजा-अर्चना

वट सावित्रि पूजा आज, सुहागिन महिलाएं करेगी पूजा-अर्चना

खगड़िया/ परबत्ता. सुहाग की रक्षा के लिए सुहागिन महिलाओं का महत्वपूर्ण पर्व वट सावित्री पूजा आज है. इसकी तैयारी कई दिनों से चल रही थी. हाथों में मेंहदी रचाने के लिए महिलाओं में होड़ लगी हुई थी. इधर, बाजार में पूजा के सामान की खरीदारी के लिए भीड़ लगी रही. राजेन्द्र चौक से लेकर स्टेशन रोड आदि सड़कों पर राहगीरों को जाम का सामना करना पड़ा. पैदल चलना लोगों को मुश्किल हो गया था. घर-घर में बन रहे पकवान, गाये जा रहे मंगलगीत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सावित्री का व्रत किया जाता है. सुहागिन महिलाएं आज वट वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना करेगी.

आज सुहागिन महिलाए गंगा में स्नान ध्यान कर पूजा-अर्चना के बाद अरवा भोजन प्राप्त की. घरों में विभिन्न प्रकार पकवानों का निर्माण किया गया. तथा हाथों में मेंहदी रचाईं. ऐसी मान्यता है कि जो भी स्त्री इस व्रत को करती है उसका सुहाग अमर हो जाता है. सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण की रक्षा की जिस तरह से सावित्री ने अपने अपने पति सत्यवान को यमराज के मुख से बचा लिया था उसी प्रकार से इस व्रत को करने वाली स्त्री के पति पर आने वाल हर संकट दूर हो जाता है.इस व्रत के दिन स्त्रियां वट( बरगद ) वृक्ष के नीचे सौलह श्रृंगार कर आभूषण से सुसज्जित सावित्री-सत्यवान का पूजन करती है. इस कारण से यह व्रत का नाम वट-सावित्री के नाम से प्रसिद्ध है.इस व्रत का विवरण स्कंद पुराण, भविष्योत्तर पुराण तथा निर्णयामृत आदि में दिया गया है.

हमारे धर्मिक ग्रंथों में वट वृक्ष में ब्रह्मा ( जड ), विष्णु ( तना ) व महेश ( पत्ते ) में विराजमान रहते हैं तथा ऐसी मान्यता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठकर पूजन, व्रत आदि करने तथा कथा सुनने से मनवांछित फल मिलती हैं. वट सावित्री पूजन विधि आज सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ के नीचे पूजा करेगी . सुबह स्नान करके एक दुल्हन की तरह सजकर एक थाली में प्रसाद जिसमे गुड़, भीगे हुए चने, आटे से बनी हुई मिठाई, कुमकुम, रोली, मोली, 5 प्रकार के फल, पान का पत्ता, धुप, घी का दीया, एक लोटे में जल और एक हाथ का पंखा लेकर बरगद पेड़ के नीचे जाती है.इसके बाद पेड़ की जड़ में जल ,प्रसाद चढाकर धूप, दीपक जलाती है. उसके बाद सच्चे मन से पूजा करके अपने पति के लिए लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है.पंखे से वट वृक्ष को हवा करती है. इसके पश्चात् बरगद के पेड़ के चारो ओर कच्चे धागे से या मोली को 7 बार बांधकर प्रार्थना करती है .परिक्रमा के बाद सवित्री व सत्यवान की कथा सुनती है. फिर घर आकर जल से अपने पति के चरण धोकर आशीर्वाद लेती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें