ठाकुरगंज प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय लोधा में आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा की जयंती बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर कई शैक्षणिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य कामख्या चरण सिंह ने मां सरस्वती और बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया. छात्र-छात्राओं को बिरसा मुंडा के जीवन और उनके आदिवासी समाज के उत्थान में किए गए योगदान के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का देश की आजादी के लिए दिया गया बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को खूंटी जिला के उलिहातु ग्राम में एक किसान परिवार में हुआ था. बचपन से अंग्रेजों का अत्याचार को देख भगवान बिरसा मुंडा के मन में अंग्रेजो के प्रति विद्रोह की भावना जगी. जिससे अंग्रेजों के विरुद्ध जनजातीय विद्रोह उलगुलान प्रारंभ किया. जिसका नेतृत्व स्वयं भगवान बिरसा मुंडा कर रहे थे. साथ ही कहा कि जंगल जमीन की लड़ाई लड़ने वाले महान आदिवासी जन चेतना के लोकनायक भगवान बिरसा मुंडा के शौर्य बलिदान को सच्चे मायने में कभी भुलाया नही जा सकता है. कार्यक्रम के दौरान चित्रकला, निबंध, भाषण, कविता और गीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. सभी प्रतियोगिताओं का हुआ सराहनीय संचालन कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षको में समन्वय बनाकर किया. इस दौरान शिक्षक मिथिलेश गणेश, पंचम सिंह, हेमंती लाहिड़ी, पिंकी कुमारी, रत्ना चन्दा रंजित, संतोष, प्रियंका कुमारी, गुलाब्सा, अमृता, सोनी बर्मा, शशि कला आदि शिक्षिका सक्रिय थी. कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और स्वागत गीत के साथ हुई.
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