आरबीएसके: बच्चों के स्वस्थ जीवन के लिए सरकारी संकल्पनिशुल्क इलाज से मिलता है जीवन का नया संकल्प किशनगंज.राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को निशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है. इस अनूठी पहल से जिले के अनेक बच्चों को जीवनभर की समस्याओं से छुटकारा मिल रहा है. इसी कड़ी में जिले के पोठिया प्रखंड के 10 वर्षीया जकिया सुल्ताना को इलाज के लिए सत्य श्री साईं हार्ट हॉस्पिटल अहमदाबाद भेजा गया. सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि जिले में हृदय रोग से जूझ रहे 20 से अधिक बच्चों का सफल इलाज हो चुका है और यह राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम की सक्रियता का ही परिणाम है.
आरबीएसके: बच्चों के स्वस्थ जीवन के लिए सरकारी संकल्प
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की जिले से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों को उनके क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्रों से पहचान कर पटना व अन्य चिकित्सा संस्थानों में उपचार के लिए भेजा जाता है. मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत, आरबीएसके टीम जन्मजात हृदय रोग, विकलांगता, विकास में देरी आदि समस्याओं से जूझ रहे बच्चों का इलाज निःशुल्क करवाने के लिए जिम्मेदार है. इसके अंतर्गत 18 वर्ष तक के बच्चों को आईजीआईएमएस, एम्स पटना और पीएमसीएच जैसी उच्च स्तरीय चिकित्सा संस्थानों में इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.
निशुल्क इलाज से मिलता है जीवन का नया संकल्प
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम के अनुसार, मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत, पीड़ित बच्चे और उनके एक अभिभावक को अहमदाबाद ले जाकर सरकारी खर्च पर इलाज कराया जाता है. दोनों बच्चों का स्क्रीनिंग आईजीआईसी में हुआ, जहां उनके दिल में छेद होने की पुष्टि हुई. इस प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे बच्चों का इलाज के बाद फॉलो-अप भी सुनिश्चित किया जाता है ताकि बच्चे पूरी तरह स्वस्थ रह सकें.
समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का लक्ष्य
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि आरबीएसके टीम जिले के विभिन्न प्रखंडों और गांवों का दौरा कर जरूरतमंद बच्चों को चिन्हित करती है और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाती है. टीम में शामिल एएनएम बच्चों का वजन, लंबाई, सिर, पैर आदि की माप कर विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाती हैं, जबकि फार्मासिस्ट रजिस्टर में स्क्रीनिंग किए गए बच्चों का ब्योरा संकलित करते हैं. यह पूरी प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि किसी भी जरूरतमंद बच्चे का इलाज न छूटे.
समाज में जागरूकता और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास का निर्माण
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात है, जिसमें दो चिकित्सक, एक एएनएम और एक फार्मासिस्ट शामिल होते हैं. डॉ मुनाजिम ने जिलेवासियों से अपील की कि जिन बच्चों को जन्मजात हृदय रोग जैसी गंभीर समस्याएं हैं, वे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें. उनका इलाज बिल्कुल निशुल्क किया जाएगा, जिससे वे एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है