बिहार के शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन में बरती गई गंभीर अनियमितताओं के मामले में किशनगंज जिले के वर्तमान और पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ), दो जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) और चार अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है. कार्रवाई के संबंध में सोमवार को विभाग की ओर से निदेशक प्रशासन सुबोध कुमार चौधरी द्वारा आवश्यक संकल्प जारी कर दिया गया है. विभाग ने यह कार्रवाई किशनगंज के जिला पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर की है.
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
- सख्त कार्रवाई को लेकर जारी संकल्प के अनुसार किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिउर रहमान और किशनगंज जिले में पदस्थापित तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी वर्तमान में गोपालगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है.
- प्रारंभिक एवं समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सूरज कुमार झा और स्थापना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा को भी निलंबित किया गया है.
- किशनगंज के जिला शिक्षा परियोजना किशनगंज कार्यालय में पदस्थापित कार्यक्रम सहायक उत्तम कुमार और कार्यक्रम समन्वयक तुफैल को इस अनियमितता में दोषी माना गया है. इनमें से उत्तम कुमार की सेवा समाप्त कर दी गई है. तुफैल की सेवा समाप्ति के लिए राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिखा गया है.
- किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थापित लिपिक तौकीर आलम और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थापित एक अन्य लिपिक अरुण कुमार को भी इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है. इसमें से तौकीर आलम को निलंबित कर दिया गया है और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जा रही है. अरुण कुमार को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू करने को कहा गया है. इन दोनों कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग के निदेशक प्रशासन सुबोध कुमार चौधरी ने पूर्णिया प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को पत्र लिखा है.
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अफसरों पर विभागीय कार्रवाई की क्यों गिरी गाज
किशनगंज जिले के जिला पदाधिकारी ने प्राप्त शिकायत के आधार पर मामले की जांच के लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की थी. इस कमेटी की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि किशनगंज जिले में बेंच-डेस्क योजना, विद्यालय जीर्णोद्धार, आरपी फैब संरचना निर्माण, आईसीटी लैब की स्थापना, रात्रि गाइड की बहाली, पेयजल योजना, हाउसकीपिंग योजना के तहत वेंडरों के चयन और भुगतान में बड़े पैमाने पर नियमों की अनदेखी कर वित्तीय अनियमितता की गई. साथ ही सरकारी राशि का दुरुपयोग भी किया गया. इन गंभीर अनियमितताओं के आलोक में विभाग ने यह कार्रवाई की है