ठाकुरगंज. विगत एक दिसंबर से चाय बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ने का काम बंद होने से चाय उत्पादक किसान परेशान हैं. हालांकि इन दिनों कई चाय बागानों में पत्तियों का बेहतर उत्पादन हो रहा है. उसके बावजूद टी बोर्ड की ओर से जारी आदेश के बाद से एक दिसम्बर से सभी चाय बागानों में पत्तियां तोड़ने का काम बंद हो गया है. इस मामले में कई चाय उत्पादक किसानों ने बताया कि इस बार काफी पहले ही टी बोर्ड ने पत्ती तोड़ने में रोक लगा दी है, जिसके कारण चाय किसानों व मजदूरों की आजीविका खतरे में पड़ गयी है. बताते चलें कि पिछले साल 23 दिसंबर को डुआर्स-तराई के इस इलाके में पत्ती तोड़ना बंद किया गया था. लेकिन इस बार लगभग 20 दिन पहले ही चाय बागानों पर टी बोर्ड ने आदेश लागू कर उनकी कमर ही तोड़ दी है. वहीं चाय बगान मालिकों जयंतो लाहिड़ी, संजय साह, ओम प्रकाश साह, संजय राय आदि ने बताया कि इस साल मौसम में परिवर्तन के कारण चाय के उत्पादन में ऐसे ही कमी देखने को मिली है. कच्ची चाय के उत्पादन में कमी के कारण चाय बगान मालिक घाटे का सामना कर रहे हैं. ऊपर से इस बार 20 दिन पहले चाय की पत्तियों को तोड़ने पर प्रतिबंध लगाने से चाय श्रमिकों के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है. मौसम में परिवर्तन एवं सही समय पर बारिश नहीं होने से फर्स्ट फ्लैश के कच्चे पत्ते का उस प्रकार से उत्पादन नहीं हो पाया है. इसलिए पिछले साल की तुलना में इस बार चाय उत्पादन कम हुआ है.
कहते हैं चाय उत्पादक किसान
इस मामले में चाय कृषक जयंतो लाहिड़ी, संजय साह, ओम प्रकाश साह, संजय राय ने कहा कि इस साल मौसम में कई बदलाव देखे गए, जिसके कारण चाय का उत्पान सही से नहीं हो पाया है. हर साल टी बोर्ड की ओर से 20 दिसंबर या 30 दिसंबर तक चाय की पत्तियों को तोड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. इस बार टी बोर्ड ने 30 नवंबर को ही पत्तियों की तुड़ाई पर रोक लगा दी. ऐसा होना नहीं चाहिए था. इस सीजन में पत्तियों का अच्छा उत्पादन होता, क्योंकि अभी मौसम थोड़ा सही हुआ, लेकिन इससे पहले ही निर्देश जारी कर रोक लगा दी गयी. मजदूर भी खाली बैठेंगे और उत्पादन में कमी देखने को मिलेगी.
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