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Kishanganj news : ऑनलाइन गेम ने की बेटे की जिंदगी तबाह, लोन के दो लाख रुपये भी गंवाये

Kishanganj news : ये कहानी ठाकुरगंज की रहनेवाली एक मां के उसी बेटे की, जिसने प्रधानमंत्री को ईमेल भेज कर इस खेल को बंद करने की मांग की थी.

Kishanganj news : मेरा बेटा पहले कुछ भी करता था, तो हमसे सलाह लेता था. छोटी- मोटी नौकरी करके घर की चिंता करता था, लेकिन पिछले कई महीने से उसे अपने दोस्तों की वजह से एक ऑनलाइन जुए की लत लग गयी. वह अपनी सैलरी के सारे पैसे इसी में खर्च कर देता है. और तो और नया व्यापार शुरू करने के लिए लिये गये दो लाख रुपये का कर्ज भी वो उड़ा चुका है. ये व्यथा है ठाकुरगंज की रहनेवाली एक मां की. उसी बेटे की कहानी, जिसने प्रधानमंत्री को ईमेल भेज कर इस खेल को बंद करने की मांग की थी.

ऑनलाइन जुए की लत का जिंदगी पर असर

बड़े बुजुर्ग कहते थे कि शराब की लत जिसको लग जाये उसका जीवन बर्बाद हो जाता है, लेकिन आज के दौर में ऑनलाइन गेम की लत भी सबसे बुरी मानी जा रही है. ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि ये एक ऐसी लत है, जिसमें लोग बड़ी रकम जीतने के चक्कर में लाखों-करोड़ों रुपये गंवा दे रहे हैं. ऑनलाइन गेम्स के कई ऐड आपने देखें होंगे. इनमें दावा किया जाता है कि चंद रुपये लगाकर कोई भी व्यक्ति आसानी से करोड़पति बन सकता है. ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि ज्यादातर लोग मनोरंजन के साथ पैसे कमाने के लिए गेमिंग की दुनिया में अपना सब कुछ गवां रहे हैं.

मां ने बैंक से लिया लोन, बेटे ने उड़ा दिया

ताजा मामला ठाकुरगंज आश्रम पाड़ा का है. यह उस वक्त चर्चा में आया, जब प्रभात खबर ने इससे पीड़ित युवक के ई मेल को दुनिया के सामने लाया. युवक ने प्रधानमंत्री को ई मेल भेज अपनी बर्बादी की दास्तां लिखी और कहा की मां ने मेरे व्यापार के लिए बंधन बैंक से लोन लिया और मैंने उसे ऑनलाइन गेम में उड़ा दिया

बैंक में तैनात संविदा कर्मी बना शिकार

ये कोई अकेला मामला नहीं हैं. इससे पहले एक और मामला आया था. करोड़ों लोग इन गेम्स को खेलते हैं, लेकिन कई इसके चक्कर में अपना सब कुछ गंवा बैठते हैं. हाल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. कुछ दिन पहले किशनगंज के ठाकुरगंज शहर में ही एक मामला चर्चा में आया था, जब निजी बैंक में कार्यरत दैनिक कर्मचारी ने ऑनलाइन गेम की लत में लाखों रुपये बर्बाद कर दिये थे. चर्चा है कि उस युवक ने लोगों से ब्याज पर लेकर लाखों रुपये इस धंधे में लगाये और हार गया. हालात यह है कि उक्त युवक को अपना चार पहिया वाहन तक गिरवी रखना पड़ा.

क्या है ऑनलाइन गेम

दरअसल, ऑनलाइन जुए या गैंबलिंग का मतलब आम तौर पर दांव लगाने और पैसे कमाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल होता है. यह एक कैसीनो की तरह ही है, लेकिन फर्क बस इतना है कि ये वर्चुअल तरीके से खेला जाता है. इसमें पोकर, स्पोर्ट गेम, कैसिनो गेम जैसे गेम शामिल होते हैं. भारत में ‘तीन पत्ती’ और ‘रम्मी’ सबसे पॉपुलर ऑनलाइन गैंबलिंग गेम हैं. यूजर्स ऑनलाइन पेमेंट मोड जैसे क्रेडिट, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या यूपीआइ के जरिए दांव लगाते हैं. एक शर्त रखने के बाद जीतने या हारनेवाला अपने हिसाब से पेमेंट करता है. वैसे तो ज्यादातर ऑनलाइन गेम फ्री हैं और खेलने के लिए किसी भी पैसे की आवश्यकता नहीं है. जबकि ऑनलाइन गैंबलिंग के लिए यूजर्स को पहले पैसों की शर्त लगाने और फिर खेलने की आवश्यकता होती है. इसे एक तरह से जुआ कह सकते हैं, जो कि बहुत ही खतरनाक होता है.

भारत में क्या है नियम

ऑनलाइन गैंबलिंग गेम खतरनाक माना जाता है और भारत में इसके लिए कुछ नियम हैं. बताते चलें कि भारत में जुआ कानून कन्फ्यूज करनेवाला है. इसकी वजह ये है कि ‘स्किल गेम्स’ और ‘चांस गेम’ के बीच स्पष्ट अंतर है. भारतीय कानूनों के अनुसार, चांस गेम पर सट्टेबाजी अवैध है, जबकि स्किल के खेल पर दांव लगाना कानूनी है. अब यह तय कर पाना मुश्किल है कि कौन सा खेल चांस का है या फिर स्किल की कैटेगरी में आता है.

मिडिल क्लास परिवार के युवा रहें अलर्ट

जानकार बताते हैं कि ऑनलाइन गेम काफी खतरनाक है. ऑनलाइन गेमिंग से लोग बर्बाद हो रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा शिकार मिडिल क्लास परिवार के युवा होते हैं, क्योंकि मिडिल क्लास के पास इतने पैसे नही होते हैं कि वह महंगा मोबाइल फोन, लैपटॉप और रिचार्ज का पैसा उपलब्ध करा सकें. इसलिए अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ये युवा गलत काम करने के लिए प्रेरित होते हैं, गलत रास्ते पर चलने लगते हैं और शॉर्टकट से पैसा कमाने के लिए इन ऑनलाइन गेम का सहारा लेते हैं.

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