ठाकुरगंज. विद्युत विभाग में कार्यरत प्रखंड के सभी मानव बल कर्मियों ने विभिन्न मांगो के समर्थन में सोमवार को काला दिवस मनाया और प्रदर्शन किया. इस दौरान इन लोगों ने काली पट्टी बांध कर अपनी मांगो को लेकर नारेबाजी की. वशीरनगर मैदान में आयोजित बैठक में मानव बल कर्मी के प्रखंड अध्यक्ष मो रज्जाक, मदन, भरत, मो इम्तियाज, मो कैशर, रवि सिंह, मो सद्धाम आदि ने कहा कि यूनियन के द्वारा एंजेसी मुक्त बिहार को लेकर हमारा प्रदर्शन आरंभ हुआ. 30 नवंबर तक हम सभी काला बिल्ला लगाकर कार्य करते हुए विरोध जतायेंगे. 30 दिन की जगह 26 दिनों तक 93 सौ रूपये प्रतिमाह वेतन दिया जाता है. वेतन भी समय पर नहीं मिल पाता है. जबकि कोई भी मौसम में लोगों के घरों को रोशन करने के लिए हमलोग कार्य करते हैं. लेकिन कम वेतन के कारण हमारे घरों में सुविधाओं के अभाव में अंधेरा रहता है. इसलिए उक्त मांगों को लेकर हमलोगों के द्वारा सरकार से कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन कोई निदान न निकलने पर हम लोगों को यह कदम उठाना पड़ा. इन लोगों ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा हर घर बिजली देने की योजना सराहनीय है. यह कार्य विभाग के अधिकारी शत-प्रतिशत लागू करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा बिहार स्टेट प्रोग्रेसिव इलेक्ट्रिक वर्कर्स यूनियन विभाग के कर्मचारियों की हित की बात करने वाला संगठन है कर्मियों ने कहा कि सरकार के मानक के अनुरूप हमलोग काम करने के लिए हर समय तैयार हैं. लेकिन विद्युत् परिवार के सबसे बड़ी समस्या जो मानव बलों को लेकर है. मानव बल अपने जान पर खेल कर दिन रात लगे रहते हैं. लेकिन जो पारिश्रमिक इन मानव बलों को मिलता है, वह कहने योग्य नहीं है. एक नियमित माली, चपरासी का वेतन भी चालीस हजार से उपर है. जबकि इन मानव बल का वेतन 10 हजार रुपये से भी कम है. इसी वेतन में ही इन्हें घर का किराया देना है. बच्चों की फीस देनी है. राशन का प्रबंध करना है. बीमारी का खर्च देखना है. उन्होंने मानव बल कर्मियों के नियमितीकरण का नीति निर्धारण किये जाने की मांग की. तत्काल उनके वेतन आदि सुविधा हेतु महाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं प्रशासन), एनबीपीडीसीएल के अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट प्राप्त कर समान कार्य हेतु समान वेतन की व्यवस्था की जाय. अगर विद्युत् कंपनी में कोई सबसे आवश्यक प्रशासनिक कार्य है, तो यह इन मानव बलों का सेवा सुधार है. ये सभी मानव बल स्थायी प्रकृति का स्थायी कर्मियों के स्थान पर कार्य कर रहें हैं. कोई लाइनमैन का कार्य कर रहा है तो कोई स्वीच बोर्ड ऑपरेटर का. इसलिए स्थायी पदों पर इनका समायोजन होना ही चाहिए. कंपनी को इसके लिए नीति बनानी चाहिए. जब तक स्थायी नौकरी नहीं मिलती तब तक ”समान कार्य सामान वेतन” के सिद्धांत पर इन्हें सम्मानजनक वेतन दिया जाय और अन्य सुविधाएं दी जायें.
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