जागरुकता से ही परिवार नियोजन होगा सफलदो बच्चों के बीच सही अंतर ज़रूरी- विधायक किशनगंज.मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़ा के तहत मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया. इस मेले का उद्घाटन स्थानीय विधायक इजहारूल हुसैन के द्वारा किया गया.मेले को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि मिशन परिवार विकास के तहत पुरुष और महिला दोनों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है. उन्होंने सही उम्र में शादी और पहले और दूसरे बच्चों के बीच सही अंतराल के महत्व को रेखांकित किया. साथ ही, उन्होंने बताया कि मेले में परामर्श के साथ-साथ नि:शुल्क गर्भनिरोधक साधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. परिवार नियोजन के कई विकल्पों को पेश किया गया है, जिनमें नसबंदी के अलावा अन्य अस्थायी साधन भी शामिल हैं. उपस्थित लोग अपनी रुचि अनुसार विधियों का चयन कर सकते हैं. जिले के सदर अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय विधायक ने फीता काटकर किया |उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य परिवार नियोजन के महत्व लैंगिक, समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों जैसे विभिन्न जनसंख्या संबंधी मुद्दों पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है. इसका लक्ष्य जनसंख्या के मुद्दों तथा यह कैसे समग्र विकास योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावित करता है इस पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है. उक्त कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार, डीएस डॉ अनवर हुसैन, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी, डीपीएम, डीपीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि सहित स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.
दो बच्चों के बीच सही अंतर ज़रूरी
मेले को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक इजहारूल हुसैन ने कहा कि मिशन परिवार विकास के तहत मेले में पुरुष और महिला दोनों की सहभागिता होनी चाहिए.साथ ही उन्होंने ने कहा कि सही उम्र में शादी और पहले और दूसरे बच्चों के बीच सही अंतर ज़रूरी है. सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वालों व्यक्ति को परामर्श के साथ निशुल्क गर्भनिरोधक साधनों को उपलब्ध कराया जा रहा है .यहा नसबंदी के अलावा परिवार नियोजन के और भी विकल्प मौजूद हैं. जिन लोगों को जिस भी तरीकों में रूचि है वे उस विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं. डीपीसी विश्वजीत कुमार ने बताया आगामी 30 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा. दंपती संपर्क पखवाड़े के दौरान आमजन में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, शादी के बाद कम से कम 2 साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल एवं प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों पर जोर दिया जा रहा है.परिवार नियोजन सेवा सप्ताह के दौरान प्रथम रेफरल इकाइयों में नसबंदी शिविर का आयोजन किया जाएगा.जनसंख्या वृद्धि गरीबी और बेरोजगारी के साथ पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालती
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की बढ़ती जनसंख्या के कारण पानी, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं, और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं पर दबाव बढ़ता है, जिससे उनकी गुणवत्ता और उपलब्धता कम हो जाती है. पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जैसे जंगलों की कटाई, भूमि का अतिक्रमण, और प्रदूषण में वृद्धि, जनसंख्या वृद्धि गरीबी और बेरोजगारी को बढ़ावा देती है, क्योंकि अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सीमित हो जाते है,भीड़भाड़ और सीमित स्वास्थ्य सेवाओं के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती हैं, जिससे लोगों की जीवन प्रत्याशा कम होती है.B
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