स्क्रीन शेयर करवा कर मोबाइल पर कर लेते हैं कब्जाव्यक्तिगत डिटेल लेकर कर सकते हैं बैंक अकाउंट साफ
अनजान नंबर से आ रहे वीडियो कॉल, लिंक आदि में शामिल होने से बचेंठाकुरगंज.
इंटरनेट और सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़ा है. रोज नये तरीके अपनाये जा रहे हैं. इन दिनों ऑनलाइन ठगी के लिए व्हाट्सएप सबसे बड़ा हथियार हो गया है. अब साइबर ठगों ने लोगों को ठगने के लिए व्हाट्सएप के ही एक फीचर का फायदा उठाना शुरू किया है.व्हाट्सएप का स्क्रीन शेयर फीचर बना हथियार
व्हाट्सएप ने कुछ दिन पहले ही स्क्रीन शेयर फीचर लॉन्च किया है जो जूम, गूगल मीट और माइक्रोसॉफ्ट टीम्स जैसा ही है. स्क्रीन शेयर के जरिये लैपटॉप या फोन की स्क्रीन को किसी अन्य के साथ शेयर किया जा सकता है. इसके बाद वह आपके लैपटॉप पर हो रही एक-एक गतिविधि पर नजर रख सकता है. इस फीचर की मदद से साइबर ठग लोगों के सिस्टम को अपने कब्जे में ले रहे हैं. फिर उनके साठ ठगी कर रहे हैं. इस स्कैम को व्हाट्स एप स्क्रीन शेयर स्कैम कहा जा रहा है.क्या है व्हाट्सएप स्क्रीन शेयर स्कैमव्हाट्स एप स्क्रीन शेयर स्कैम में यूजर्स केवाईसी या किसी जरूर काम को लेकर लोगों को गुमराह करते हैं और फिर वीडियो कॉल करने करते हैं. इसके बाद वे स्क्रीन शेयर करने के लिए कहते हैं. स्क्रीन शेयर होते ही ठग कहीं से भी आपके फोन की एक-एक चीज को देख सकता है. स्क्रीन शेयर होते ही ये ठग फोन को अपने कंट्रोल में लेते हैं. इसके बाद वे आपके मैसेज पढ़ सकते हैं, खुद ही ओटीपी देख सकते हैं. फोन पर हो रही एक-एक गतिविधि को रिकॉड कर सकते हैं. ये ठग लोगों से फोन को ठीक करने के लिए स्क्रीन शेयर करने को कहते हैं.ऐसे ठगे जाते हैं लोगों के पैसे
व्हाट्सएप स्क्रीन शेयर स्कैम लोगों के साथ फ्रॉड करने का एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए यूजर्स को किसी काम, लालच, स्कीम या इमरजेंसी के जरिये व्हाट्सएप स्क्रीन शेयरिंग करने के लिए कहा जाता है. इसमें स्कैम का ट्रेडिशनल तरीका नहीं अपनाया जाता. बल्कि इसमें फ्रॉड करने वाला इंसान लोगों के साथ रियल-टाइम में ही बातचीत करके अपनी व्हाट्सएप स्क्रीन को शेयर करने के लिए मनाता है. इसके लिए स्कैमर्स नकली पहचान या किसी तरह की आपातकालीन स्थिति का इस्तेमाल करते हैं.स्कैम से बचने का तरीका
यूजर्स जैसे ही अपनी व्हाट्सएप स्क्रीन को शेयर करते हैं, वैसे ही स्कैमर्स उनकी स्क्रीन पर आने वाली सभी चीजों को नोट करके यूजर्स की प्राइवेसी लीक कर देते हैं. इस तरह से स्कैमर्स आम यूजर के व्हाट्सएप मैसेज के अलावा बैंक अकाउंट डिटेल्स, सोशल मीडिया डिटेल और वन-टाइम पासवर्ड जैसे डिटेल्स भी देख लेते हैं. किसी भी स्कैमर्स के लिए किसी आम यूजर की इतनी डिटेल उनके बैंक अकाउंट से पैसे उड़ाने के लिए काफी होती है. ऐसे में किसी भी यूजर को इस तरह के स्कैम से बचने के लिए किसी भी अनजाने नंबर से आने वाले कॉल, वीडियो कॉल, लिंक को रिसीव करने और खोलने से पहले ध्यान से सोचना चाहिए. अपनी प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए स्क्रीन शेयर करने से बचना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है