Bihar News: बिहार में अब हर दिन 300 स्कूलों की जांच की जाएगी. स्कूलों में होने वाली प्रगति की जांच होगी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रगति की जानकारी मुहैया करानी होगी. इसके लिए प्रमंडलवार दिन को तय किया गया है. स्कूलों में आधारभूत सरंचना, साथ ही साफ- सफाई के हालात, प्रयोगशाला और खेलकूद के साम्रगी के उपयोग, शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति आदि की जानकारी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जिलों को देनी होगी. इसको लेकर निर्देश जारी किया गया है. पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम भी इसमें शामिल है.
राज्य में जिलों की ओर से ऑनलाइन जानकारी देने की जिम्मेदारी विभाग के पांच पदाधिकारियों को सौंपी गई है. इसमें विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम भी शामिल है. इसके साथ ही विभाग के विशेष सचिव, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवं प्रशासन के निदेशक को जानकारी दी गई है. सप्ताह में पांच शाम को साढ़े सात बजे और शनिवार को दोपहर 12 बजे से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिलावार प्रस्तुतीकरण देनी होगी. सोमवार को पटना, गया, मुंगेर, तिरहुत, भागलपुर, पूर्णिया और कोसी प्रमंडल के स्कूलों की जानकारी ली जाएगी.
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हर एक प्रमंडल के जिलों का सप्ताह में चार से पांच दिन प्रस्तुतिकरण किया जाएगा. बताया जाता है कि स्कूलों में पठन- पाठन के काम को बेहतर बनाने के मकसद से यह फैसला लिया गया है. साथ ही इससे स्कूलों की आधारभूत सरंचना भी बेहतर होगी. स्कूलों की आधारभूत सरंचना का विकास किया जाएगा. विद्यालयों की साफ- सफाई और शौचालयों को उपयोग में लाने लायक बनाने के लिए कार्य किए गये है. इन कार्यों को कितने प्रभावी ढंग से लागू किया गया है, इसकी जांच के लिए यह नई व्यवस्था बनाई गई है. इसमें विभाग के अधिकारी ऑनलाइन तौर पर स्कूलों की जानकारी लेंगे.
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इधर, शिक्षा विभाग ने प्रमंडलों और जिलों को निर्देश जारी किया है कि मुख्यालय की अनुमति के बाद ही बिहार शिक्षा सेवा के अधिकारी छुट्टी ले सकेंगे. इसको लेकर विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने सभी आरडीडीइ, डीइओ और सभी डीपीओ को गुरुवार को पत्र जारी किया है. इस पत्र में यह भी कहा गया है कि बीमार होने की स्थिति में मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आलोक में ही किसी पदाधिकारी को चिकित्सा अवकाश में जाने की अनुमति दी जायेगी. विभाग ने इस बात पर आपत्ति भी जतायी है कि बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के शिक्षा सेवा के अधिकारी छुट्टी पर जा रहे हैं. इसकी सूचना विभाग को भी नहीं दी जा रही है. श्री चौधरी ने सभी पदाधिकारियों को यह भी कहा है कि सुबह की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी पदाधिकारी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करेंगे.
वहीं, शिक्षा विभाग के शीर्ष अफसरों ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि स्कूलों में मासिक परीक्षा के दिन कक्षा में पढ़ाई नहीं हो रही है. विभाग ने दो टूक आदेश जारी किया है कि मासिक परीक्षा के दिन प्रथम सत्र में पूरी पढ़ाई होगी. मासिक परीक्षा भोजनावकाश के बाद अपराह्न दो बजे से आयोजित की जाये. विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले माह से स्कूलों में कक्षा एक से 12 तक में मासिक परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. ऐसी सूचना मिल रही है कि स्कूलों में मात्र दो घंटी परीक्षा होती है. पढ़ाई बिल्कुल नहीं होती दिख रही है. शिक्षक खाली बैठे रहते हैं. इससे शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निर्धारित घंटे की भरपाई नहीं हो पाती है. इसलिए यह आदेश दिया जाता है कि पहले सत्र में अन्य दिनों की भांति पढ़ाई होगी. दोपहर 12.40 बजे तक हर हाल में पढ़ाई हो. जानकारी के मुताबिक हाल ही में शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से आठवीं तक की मासिक टेस्ट और अर्धवार्षिक परीक्षा कराने का निर्णय लिया है. नौ से 12वीं की अर्धवार्षिक परीक्षा होनी बाकी है.