13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में केके पाठक के विभाग और राजभवन के बीच फिर से टकराव, बीच में फंसे विश्वविद्यालयों के कुलपति

बिहार में एक बार फिर से राजभवन व शिक्षा विभाग आपस में भीड़ गए हैं. राज्यपाल के प्रधान सचिव द्वारा कुलपतियों के लिए गाइडलाइन जारी किया गया था. वहीं इसके बाद शिक्षा सचिव ने भी कुलपतियों के लिए ढेर सारे दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं.

बिहार में कुलपति नियुक्ति को लेकर राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच का टकराव सुलझे हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ कि अब इनके बीच एक और अघोषित ”वार” शुरू हो गई है. शिक्षा विभाग और राज्यपाल सह कुलाधिपति सचिवालय के बीच छिड़ी इस लड़ाई में राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों के कुलपति फंस गये हैं. कुलाधिपति (राज्यपाल) के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथू की तरफ से गुरुवार को गाइडलाइन मिलने के ठीक दूसरे दिन ही शुक्रवार को शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने कुलपतियों को ढेर सारे दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं. उन्होंने कह दिया है कि यदि कुलपति मुख्यालय छोड़ते हैं तो या अवकाश पर जाते हैं, तो वे इस आशय की सूचना शिक्षा विभाग को देंगे.

प्रतिदिन कार्यालय आयेंगे कुलपति

शिक्षा सचिव वैद्यनाथ यादव ने पत्र में आशा व्यक्त की है कि कुलपति यथा संभव प्रतिदिन अपने कार्यालय आयेंगे साथ ही वर्ग संचालन भी करेंगे. पहले जारी निर्देशानुसार सभी प्राचार्य / प्राध्यापक/ डीन आदि, जब महाविद्यालयों के भ्रमण/ निरीक्षण में जायेंगे तो वे अपनी विषय -विशेषज्ञता के अनुसार कक्षाओं में पढ़ायेंगे. साथ ही कहा है कि कुलपतिगण कॉलेजों में एवं छात्रावासों का भ्रमण जरूर करेंगे.

शिक्षा विभाग ने कुलपतियों को जारी किये दिशा निर्देश

इसके अलावा शिक्षा सचिव ने कुलपतियों से कहा है कि विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों, प्राचार्यों प्राध्यापकों डीन आदि को विद्यालयों के निरीक्षण / भ्रमण के लिए विश्वविद्यालय के मुख्यालय में स्थित जिला पदाधिकारी की तरफ से निर्धारित दर पर वाहन की सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के स्तर पर एक केंद्रीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है, जहां विद्यार्थियों की की समस्याओं की शिकायत मिलती है. इन शिकायतों के समाधान के लिए अग्रसारित किया जायेगा. इसके लिए विश्वविद्यालय का एक नोडल अफसर नामित कर उसके मोबाइल नंबर को उपलब्ध कराया जाये. शिक्षा विभाग के तरफ से कुलपति को लिखे इस पत्र में साफ किया है कि इन दिशा निर्देशों के पीछे की मंशा विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक प्रशासन को बेहतर करना है.

शिक्षा विभाग ने राजभवन पर दागा सवाल : विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता को कौन कर रहा कमजोर और कैसे ?

शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल चोंग्थू को पत्र लिखा है कि आपकी तरफ से 30 अगस्त को कुलपतियों को लिखे आधिकारिक पत्र में विश्वविद्यालय प्रशासन की ”स्थापित स्वायत्तता” को कमजोर करने वाले कुछ व्यक्तिगत अधिकारियों के बारे में भी उल्लेख किया है. आखिर हम जानना चाहेंगे कि किन अधिकारियों ने ऐसा करने की कोशिश की और कैसे की?

शिक्षा विभाग ने राजभवन को सलाह दी कि वह अदालती मामलों को सीधे लड़े

शिक्षा सचिव ने लिखा है कि राजभवन सचिवालय को शिक्षा विभाग आपको फिर से बताना चाहता है कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों को सालाना लगभग 4000 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देती है. सरकार, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में विश्वविद्यालय से संबंधित 3000 से अधिक मामलों का सामना कर रही है. इस संदर्भ में शिक्षा सचिव ने दो टूक सलाह दी है कि यदि कुलाधिपति सचिवालय विश्वविद्यालयों के मामलों को चलाने में अपनी ”स्पष्ट शक्तियों” को लागू करने के लिए इतना उत्सुक हैं, तो सचिवालय इन अदालती मामलों को सीधे लड़ने और इनमें से प्रत्येक में हस्तक्षेप याचिका दायर करें.

शिक्षा विभाग प्रचलित अधिनियमों और नियमों के अनुसार कार्य करता है : शिक्षा सचिव

शिक्षा सचिव ने बताया कि आपकी ( राज्यपाल सचिवालय के प्रधान सचिव ) की तरफ से 30 अगस्त को कुलपतियों को लिखे पत्र में कुलाधिपति की स्पष्ट शक्तियों के बारे में उल्लेख किया है. उस मामले में, शिक्षा विभाग प्रचलित अधिनियम के तहत बिहार के विश्वविद्यालयों के मामलों को चलाने के मामलों में ”स्पष्ट शक्तियों” और ”कुलाधिपति के अधिकार” के बारे में जागरूक होना चाहता है. साथ ही उन प्रासंगिक धाराओं को जानना चाहता है, जिनके तहत ऐसा शक्तियों को ”स्पष्ट” घोषित किया गया है. यदि इनके संबंध में विशिष्ट प्रावधान हमें उपलब्ध कराए जा सकें तो वह हमारे लिए मददगार होंगे. इसके अलावा, यह बिल्कुल स्पष्ट किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग प्रचलित अधिनियमों और नियमों के अनुसार कार्य करता है. आप इस तथ्य से अच्छी तरह परिचित होंगे कि विश्वविद्यालय हमसे दिशा-निर्देश मांगते रहते हैं. वे अक्सर विभाग को अपनी समस्याओं के बारे में सूचित करते हैं. हम जो भी संभव हो सके उन्हें समर्थन देने का प्रयास करते हैं. विभाग विश्वविद्यालयों के साथ सार्थक बातचीत को प्रोत्साहित और लागू करता है.

Also Read: Bihar: केके पाठक ने सभी DEO को हर शाम प्राचार्यों से संवाद करने का दिया निर्देश, चर्चा के बिंदु भी किये तय

क्या है मामला

गौतरतलब है कि राज्यपाल सह कुलाधिपति सचिवालय ने 30 अगस्त को एक पत्र लिख कर कुलपतियों से आग्रह किया था कि वह विश्वविद्यालयों के मामले में राज्यपाल के दिये आदेशों का पालन करें. इसके जवाब में शिक्षा विभाग ने यह पत्र 31 अगस्त को लिखा, जो आज सार्वजनिक हुआ है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें