बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) ने अपनी छुट्टी बढ़ा दी है.16 जनवरी तक वे इससे पहले अवकाश पर थे. मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने इसकी पुष्टि की है. सुबहानी ने बताया कि उनकी तरफ से अवकाश बढ़ाने का आवेदन आया है. आवेदन अभी विचाराधीन है. माना जा रहा है कि उनके वापस लौटने तक शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव अपर मुख्य सचिव स्तर के कामकाज को देखते रहेंगे. इससे पहले श्री पाठक ने 16 जनवरी तक अवकाश पर रहने का आवेदन दिया था. अपर मुख्य सचिव केके पाठक आठ जनवरी से अवकाश पर हैं.
केके पाठक की छुट्टियां 16 जनवरी मंगलवार को खत्म हो गई. लेकिन, इसके बाद भी उनके काम पर नहीं लौटने पर इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि उन्होंने अपनी छुट्टी 30 जनवरी तक बढ़ा ली है. बताते चलें कि केके पाठक 8 जनवरी से छुट्टी पर चल रहे हैं, पहले उन्होंने 14 जनवरी तक के लिए छुट्टी ली, फिर 16 जनवरी तक छुट्टी बढ़ाई थी. 1990 बैच के आईएएस केके पाठक अपने सख्त तेवर के कारण बिहार में जाने जाते हैं. जून 2023 में केके पाठक ने बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद का चार्ज लिया था.
इसके बाद उनकी ओर से लगातार एक के बाद एक लिए गए फैसलों की वजह से सुर्खियों में बने रहे. उनके नेतृत्व में राज्य में सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े दो लाख से अधिक शिक्षकों के पद को भरा गया. शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केके पाठक (KK Pathak IAS ) छुट्टी पर क्यों गए इसको लेकर शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा चर्चा होती है. इसको लेकर शिक्षा विभाग के लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले केके पाठक का एक वीडियो वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में उनका डॉ. अजय कुमार से गाली गलौज था.
इसके साथ ही उनका हाल के दिनों में राजभवन से भी विवाद खुलकर सामने आ गया था. जानकार इन दोनोंघटनाओं को भी छुट्टी पर जाने का कारण समझते हैं. इसकी चर्चा भी होती है. शिक्षा विभाग से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि राज्यपाल के कार्यालय ने हाल ही में उच्च शिक्षा के कामकाज में पाठक के लगातार हस्तक्षेप पर आपत्ति जताई थी, जो विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल के अधिकार को कमजोर करने जैसा है. उधर, वायरल हुए ऑडियो टेप में कथित तौर पर पाठक को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार कोगालियां देते हुए सुना गया. कहा जा रहा है कि केके पाठक (KK Pathak IAS )की छुट्टी पर जाने का राज ये दो महत्वपूर्ण घटनाएं हैं. लेकिन इसपर शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी कुछ भी बोलने को तौयार नहीं है.